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ॐ अर्ह
जिनागम-ग्रन्थमाला : ग्रन्थांक-१९
[परमश्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमलजी महाराज की पुण्यस्मृति में आयोजित]
उत्तराध्ययनसूत्र)
[ मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद-विवेचन-टिप्पण-परिशिष्ट युक्त ]
प्रेरणा (स्व.) उपप्रवर्तक शासनसेवी स्वामी श्री ब्रजलालजी महाराज
आद्य संयोजक तथा प्रधान सम्पादक (स्व.) युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर'
अनुवादक-विवेचक-सम्पादक
राजेन्द्रमुनि शास्त्री
प्रकाशक श्री आगमप्रकाशन समिति, ब्यावर ( राजस्थान)