SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 81
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २२४ २२५ २२६ २२९ २३१ २३६ षष्ठ अध्ययन : धर्मार्थकामाऽध्ययन (महाचार-कथा) प्राथमिक राजा आदि द्वारा निर्ग्रन्थों के विषय में जिज्ञासा आचार्य द्वारा निर्ग्रन्थाचार की दुश्चरता और अठारह स्थानों का निरूपण प्रथम आचारस्थान : अहिंसा द्वितीय आचारस्थान : सत्य (मषावादविरमण) तृतीय आचारस्थान : अदत्तादान-निषेध (अचौर्य) चतुर्थ आचारस्थान : ब्रह्मचर्य (अब्रह्मचर्य-सेवन-निषेध) पंचम आचारस्थान : अपरिग्रह (सर्वपरिग्रह-विरमण) छठा आचारस्थान :रात्रिभोजन-विरमणव्रत सातवें से बारहवें तक आचारस्थान : षड़जीव-निकाय-संयम तेरहवां आचारस्थान : प्रथम उत्तरगुण अकल्प्य-वर्णन चौदहवां आचारस्थान : गृहस्थ के भोजन में परिभोगनिषेध पन्द्रहवां आचारस्थान : पर्यंक आदि पर सोने-बैठने का निषेध सोलहवां आचारस्थान : गृहनिषद्या-वर्जन सत्तरहवां आचारस्थान : स्नान-वर्जन अठारहवां आचारस्थान : विभूषात्याग आचारनिष्ठा निर्मलता एवं निर्मोहता आदि का सुफल सप्तम अध्ययन : वाक्यशुद्धि प्राथमिक चार प्रकार की भाषायें और वक्तव्य-अवक्तव्य-निर्देश कालादिविषयक निश्चयकारी भाषा-निर्देश सत्य किन्तु पीडाकारी कठोर भाषा का निर्देश भाषा सम्बन्धी अन्य विधि-निषेध पंचेन्द्रिय प्राणियों के विषय में बोलने का निषेध-विधान वृक्षों एवं वनस्पतियों के विषय में अवाच्य एवं वाच्य का निर्देश संखडि एवं नदी के विषय में निषिद्ध तथा विहित वचन परकृत सावध व्यापार के सम्बन्ध में सावधवचन निषेध असाधु और साधु कहने का निषेध जय-पराजय प्रकृतिप्रकोपादि एवं मिथ्यावाद के प्ररूपण का निषेध भाषाशुद्धि का अभ्यास अनिवार्य भाषाशुद्धि की फलश्रुति अष्टम अध्ययन : आचार-प्रणिधि प्राथमिक २३७ २३८ २४० २४१ २४३ २४५ २४७ २४९ २५२ २५४ २५५ २५७ २५९. २६३ २६४ २६८ २६९ २७१ [७८]
SR No.003465
Book TitleAgam 29 Mool 02 Dasvaikalik Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShayyambhavsuri
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla, Pushpavati Mahasati
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1985
Total Pages535
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_dashvaikalik
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy