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१२१. हिंगुलुयगतेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ३९॥ १२२. मणोसिलागतेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ४० ॥ १२३. अंजणगतेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । कप्पइ तारिसं ॥ ४१ ॥ भायणेण वा । कप्पइ तारिसं ॥ ४२ ॥ भायणेण वा । कप्पइ तारिसं ॥ ४३॥
देंतियं पडियाइक्खे, न मे
१२५. गेरुयगतेण हत्थेण दव्वीए देंतियं पडियाइक्खे, न मे १२६. वण्णियगतेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ४४ ॥ १२७. सेडियगतेणx हत्थेण दव्वीए भायणेण वा ।
देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ४५ ॥ १२८. सोरट्ठियगतेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा ।
देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ४६ ॥ १२९. पिट्ठगतेण हत्थेण दव्वीए भायणे वा
देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ४७ ॥ १३०. कुक्कुसगतेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा ।
देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ४८ ॥ १३१. उक्कुट्ठगतेण + हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ४९ ॥
१३२. असंसट्टेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । दिज्जमाणं न इच्छेज्जा, पच्छाकम्मं जहिं भवे ॥ ५० ॥ १३३. संसद्वेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । तत्थेसणियं भवे ॥ ५१ ॥
दिज्जमाणं पडिच्छेज्जा, जं
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१२४. लोणगतेण हत्थेण दव्वीए देंतियं पडियाइक्खे, न मे
पाठान्तर— सेढिय.... ।
पाठान्तर— उक्किट्ठ... ।
पाठान्तर—* इस प्रकार के चिह्न से इस प्रकार के चिह्न तक जो १९ गाथाएं हैं, टीकाकार के अनुसार ये दो गाथाएं हैं,
दशवैकालिकसूत्र