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________________ १६० X १२१. हिंगुलुयगतेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ३९॥ १२२. मणोसिलागतेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ४० ॥ १२३. अंजणगतेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । कप्पइ तारिसं ॥ ४१ ॥ भायणेण वा । कप्पइ तारिसं ॥ ४२ ॥ भायणेण वा । कप्पइ तारिसं ॥ ४३॥ देंतियं पडियाइक्खे, न मे १२५. गेरुयगतेण हत्थेण दव्वीए देंतियं पडियाइक्खे, न मे १२६. वण्णियगतेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ४४ ॥ १२७. सेडियगतेणx हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ४५ ॥ १२८. सोरट्ठियगतेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ४६ ॥ १२९. पिट्ठगतेण हत्थेण दव्वीए भायणे वा देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ४७ ॥ १३०. कुक्कुसगतेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ४८ ॥ १३१. उक्कुट्ठगतेण + हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । देंतियं पडियाइक्खे, न मे कप्पइ तारिसं ॥ ४९ ॥ १३२. असंसट्टेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । दिज्जमाणं न इच्छेज्जा, पच्छाकम्मं जहिं भवे ॥ ५० ॥ १३३. संसद्वेण हत्थेण दव्वीए भायणेण वा । तत्थेसणियं भवे ॥ ५१ ॥ दिज्जमाणं पडिच्छेज्जा, जं + १२४. लोणगतेण हत्थेण दव्वीए देंतियं पडियाइक्खे, न मे पाठान्तर— सेढिय.... । पाठान्तर— उक्किट्ठ... । पाठान्तर—* इस प्रकार के चिह्न से इस प्रकार के चिह्न तक जो १९ गाथाएं हैं, टीकाकार के अनुसार ये दो गाथाएं हैं, दशवैकालिकसूत्र
SR No.003465
Book TitleAgam 29 Mool 02 Dasvaikalik Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShayyambhavsuri
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla, Pushpavati Mahasati
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1985
Total Pages535
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_dashvaikalik
File Size11 MB
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