________________
ॐ अर्ह
जिनागम-ग्रन्थमाला : ग्रन्थाङ्क-३२-आ
[परमश्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमलजी महाराज की पुण्य-स्मृति में प्रकाशित]
त्रीणि छेदसूत्राणि
दशाश्रुतस्कन्ध बृहत्कल्प 0 व्यवहारसूत्र
[मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद-विवेचन-टिप्पण युक्त]
प्रेरणा (स्व.) उपप्रवर्तक शासनसेवी स्वामी श्री ब्रजलालजी महाराज
आद्यसंयोजक तथा प्रधान सम्पादक । (स्व.) युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर'
अनुवादक-विवेचक-सम्पादक । (स्व.) अनुयोग-प्रवर्तक मुनि श्री कन्हैयालालजी म. 'कमल'
गीतार्थ श्री तिलोक मुनिजी म.
प्रकाशका श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राजस्थान)