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[जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र
३. त्रुटितांग-नानाविध वाद्य देने वाले, ४. दीपशिखा-प्रकाशप्रदायक, ५. जोतिषिक-उद्योतकारक, ६. चित्रांग-माला आदि प्रदायक, ७. चित्ररस-विविध प्रकार का रस देने वाले, ८. मण्यंग-आभूषण प्रदान करने वाले, ९. गेहाकार-विविध प्रकार के गृह-निवासस्थानप्रदाता,
१०. अनग्न-वस्त्रों की आवश्कतापूर्ति करने वाले। मनुष्यों का आकार-स्वरूप
२८. तीसे णं भंते! समाए भरहे वासे मणुआणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ?
गोयमा ! तेणं मणुआ सुपइट्ठियकुम्मचारुचलणा, (रत्तुप्पलपत्तमउअसुकुमालकोमलतला णगणगरमगरसागरचक्कंकवरंकलक्खणंकिअचलणा, अणुपुव्वसुसाहयंगुलीया, उण्णयतणुतंबणिद्धणक्खा, संठिअसुसिलिट्ठगूढगुप्फा, एणीकुरुविंदावत्तवट्टाणुपुव्वजंघा, समुग्गनिमग्गगूढजाणू, गयससण-सुजायसण्णिभोरू, वरवारणमत्ततुल्लविक्कमविलासिअगई, पमुइअवरतुरगसीहवरवट्टिअकडी, वरतुरगसुजायगुज्झदेसा,आइण्णहयव्वनिरुवलेवा, साहयसोणंदमुसलदप्पण-णिगरिअवरकणगच्छरुसरिसवरवइरवलिअ-मज्झा,झसविहगसुजाय-पीणकुच्छी, झसोअरा, सुइकरणा, गंगावत्तपयाहिणावत्ततरंगभंगुर-विकिरणतरुणबोहिअआकोसायंतपउमगंभीरविअडणाभा, उज्जुअ समसंहिअजच्च-तणु-कसिण-णिद्धआदेज्ज-लडह-सूमाल-मउअ-रमणिज्ज-रोमराई, संणयपासा, संगयपासा, सुंदरपासा, सुजायपासा, मिअमाइअ-पीणरइअ-पासा, अकरंडुअकणगरुअगणिम्मल-सुजाय-णिरुवहय-देहधारी, पसत्थवत्तीसलक्खणधरा, कणगसिलायलुज्जलपसत्थ-समतल-उवइय-विच्छि (त्थि)ण्ण-पिहुलवच्छा, सिरिवच्छंकियवच्छा, जुअसण्णिभपीणरइअ-पीवरपउट्ठसंठियसुसिलिट्ठ-विसिट्ठ-धण-थिरसुबद्धसंधिपुरवर-वरफलिह-वट्टिअ-भुजा, भुजगीसर-विउल-भोगआयाणफलिहउच्छूढ-दीहबाहू, रत्ततलोवइअमउअमंसलसुजाय-पसत्थलक्खणअच्छिद्दजालपाणी, पीवरकोमलवरंगुलीआ, आयबं-तलिण-सुइ-रुइल-णिद्धणक्खा, चंदपाणिलेहा, सूरपाणिलेहा, संखपाणिलेहा, चक्कपाणिलेहा, दिसासोवत्थियपाणिलेहा, चंदसूर-संख-चक्क-दिसासोवत्थियपाणिलेहा, अणेग-वर-लक्खणुत्तम-पसत्थ-सुरइअ-पाणिलेहा वरमहिस-वराहसीह-सदूलउसहणागवर-पडिपुण्णविपुलखंधा, चउरंगुल-सुप्पमाण, कंबुवरसरिस-गीवा, मंसलसंठिअ-पसत्थ-सदूलविपुलहणुआ, अवट्ठिअ-सुविभत्तचित्तमंसू,
ओअविअसिलप्पवाल-बिंबफल-सण्णिभाधरोहा, पंडुरससि-सगलविमल-णिम्मल-संखगोखीर-फेणकुंददगरय-मुणालिआधवल-दंतसेढी, अखंडदंता, अफुडि-अदंता, अविरलदंता, सणिद्धदंता, सुजायदंता, एगदंतसेढीव अणेगदंता, हुअवह-णिद्धंतधोअतत्ततवणिज्जरत्ततलतालुजीहा, गरुलायत-उज्जू-तुंग-णासा, अवदालिअ-पोंडरीकणयणा, कोआसियधवल