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________________ सप्तम वक्षस्कार] [३७३ गौतम ! प्रत्येक संवत्सर के बारह महीने बतलाये गये हैं। उनके लौकिक एवं लोकोत्तर दो प्रकार के नाम कहे गये हैं। लौकिक नाम इस प्रकार हैं-१. श्रावण, २. भाद्रपद, (३. आसोज, ४. कार्तिक, ५. मिगसर, ६. पौष, ७. माघ, ८. फाल्गुन, ९. चैत्र, १०. वैशाख, ११. जेठ तथा) १२. आषाढ। लोकोत्तर नाम इस प्रकार हैं-१. अभिनन्दित, २. प्रतिष्ठित, ३. विजय, ४. प्रीतिवर्द्धन, ५. श्रेयान्, ६. शिव, ७. शिशिर, ८. हिमवान्, ९. वसन्तमास, १०. कुसुमसम्भव, ११. निदाघ तथा १२. वनविरोह। भगवन् ! प्रत्येक महीने के कितने पक्ष बतलाये गये हैं ? गौतम ! प्रत्येक महीने के दो पक्ष बतलाये गये हैं-१. कृष्ण तथा २. शुक्ल। भगवन् ! प्रत्येक पक्ष के कितने दिन बतलाये गये हैं ? गौतम ! प्रत्येक पक्ष के पन्द्रह दिन बतलाये गये हैं, जैसे-१. प्रतिपदा-दिवस, २. द्वितीया-दिवस, ३. तृतीया-दिवस, ४. चतुर्थी-दिवस, ५.पंचमी-दिवस, ६. षष्ठी-दिवस, ७. सप्तमी-दिवस, ८.अष्टमी-दिवस, ९. नवमी-दिवस, १०. दशमी-दिवस, ११. एकादशी-दिवस, १२. द्वादशी-दिवस, १३. त्रयोदशी-दिवस, १४. चतुर्दशी-दिवस, १५. पंचदशी-दिवस-अमावस्या या पूर्णमासी का दिन। भगवन् ! इन पन्द्रह दिनों के कितने नाम बतलाये गये हैं ? गौतम ! पन्द्रह दिनों के पन्द्रह नाम बतलाये गये हैं, जैसे-१. पूर्वा!, २. सिद्धमनोरम, ३. मनोहर, ४. यशोभद्र, ५. यशोधर, ६. सर्वकाम-समृद्ध, ७. इन्द्रमूभिषिक्त, ८. सौमनस, ९. धनञ्जय, १०. अर्थसिद्ध, ११. अभिजात, १२. अत्यशन, १३. शतञ्जय, १४. अग्निवेश्म तथा १५. उपशम। भगवन् ! इन पन्द्रह दिनों की कितनी तिथियाँ बतलाई गई हैं ? गौतम ! इनकी पन्द्रह तिथियाँ बतलाई गई हैं, जैसे-१. नन्दा, २. भद्रा, ३. जया, ४. तुच्छारिक्ता, ५. पूर्णा-पञ्चमी। फिर ६. नन्दा, ७. भद्रा, ८. जया, ९. तुच्छा, ५. पूर्णा-दशमी। फिर ११. नन्दा, १२. भद्रा, १३. जया, १४. तुच्छा, ५. पूर्णा-पञ्चदशी। यों तीन आवृत्तियों में ये पन्द्रह तिथियाँ होती हैं। भगवन् ! प्रत्येक पक्ष में कितनी रातें बतलाई गई हैं। गौतम ! प्रत्येक पक्ष में पन्द्रह रातें बतलाई गई हैं, जैसे १. प्रतिपदारात्रि-एकम की रात, २. द्वितीयरात्रि, ३. तृतीयारात्रि, ४. चतुर्थीरात्रि, ५. पंचमीरात्रि, ६. षष्ठीरात्रि, ७. सप्तमीरात्रि, ८. अष्टमीरात्रि, ९. नवमीरात्रि, १०. दशमीरात्रि, ११. एकादशीरात्रि, १२. द्वादशीरात्रि, १३. त्रयोदशीरात्रि, १४. चतुर्दशीरात्रि-चौदस की रात तथा १५. पञ्चदशी-अमावस या पूनम की रात। भगवन् ! इन पन्द्रह रातों के कितने नाम बतलाये गये हैं ? गौतम ! इनके पन्द्रह नाम बतलाये गये हैं, जैसे-१. उत्तमा, २. सुनक्षत्रा, ३. एलापत्या, ४. यशोधरा,
SR No.003460
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1986
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Geography, & agam_jambudwipapragnapti
File Size10 MB
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