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________________ ३५८ ] [जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र [१७९] भगवन् ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से सर्वाभ्यन्तर चन्द्र-मण्डल कितनी दूरी पर बतलाया गया ३ गौतम ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से सर्वाभ्यन्तर चन्द्र-मण्डल ४४८२० योजन की दूरी पर बतलाया गया हैं। भगवन् ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से दूसरा आभ्यन्तर चन्द्र-मण्डल कितनी दूरी पर बतलाया गया गौतम ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से दूसरा आभ्यन्तर चन्द्र-मण्डल ४४८५६२५/ योजन तथा ६१ भागों में विभक्त एक योजन के एक भाग के ७ भागों में से ४ भाग योजनांश की दूरी पर बतलाया गया हैं। भगवन् ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से तीसरा आभ्यन्तर चन्द्र-मण्डल कितनी दूरी पर बतलाया गया गौतम ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से तीसरा आभ्यन्तर चन्द्र-मण्डल ४४८९२५१) योजन तथा ६१ भागों में विभक्त एक योजन के एक भाग के ७ भागों में से १ भाग योजनांश की दूरी पर बतलाया गया हैं। इस क्रम में निष्क्रमण करता हुआ चन्द्र पूर्व मण्डल से उत्तर मण्डल का संक्रमण करता हुआ एकएक मण्डल पर ३६२५/. योजन तथा ६१ भागों में विभक्त एक योजन के ७ भागों में से ४ भाग योजनांश की अभिवृद्धि करता हुआ सर्वबाह्य मण्डल का उपसंक्रमण कर गति करता है। भगवन् ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से सर्वबाह्य चन्द्र-मण्डल कितनी दूरी पर बतलाया गया है ? गौतम ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से सर्वबाह्य चन्द्र-मण्डल ४५३३० योजन की दूरी पर बतलाया गया है। भगवन् ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से दूसरा बाह्य चन्द्र-मण्डल कितनी दूरी पर बतलाया गया है ? गौतम ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से दूसरा बाह्य चन्द्र-मण्डल ४५२९३३५/ योजन तथा ६१ भागों में विभक्त एक योजन के एक भाग के ७ भागों में से ३ भाग योजनांश की दूरी पर बतलाया गया है। भगवन् ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से तीसरा बाह्य चन्द्र-मण्डल कितनी दूरी पर बतलाया गया है ? गौतम ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से तीसरा बाह्य चन्द्र-मण्डल ४५२५७/, योजन तथा ६१ भागों से विभक्त एक योजन के एक भाग के ७ भागों में से ६ भाग योजनांश की दूरी पर बतलाया गया है। इस क्रम से प्रवेश करता हुआ चन्द्र पूर्व मण्डल से उत्तर मण्डल का संक्रमण करता हुआ एकएक मण्डल पर ३६२५/ योजनन तथा ६१ भागों में विभक्त एक योजन के एक भाग के ७ भागों में से ४ भाग योजनांश की वृद्धि में कमी करता हुआ सर्वाभ्यन्तर मण्डल का उपसंक्रमण कर गति करता है।
SR No.003460
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1986
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Geography, & agam_jambudwipapragnapti
File Size10 MB
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