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________________ ३३६ ]. [जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र मंडले पण्णत्ते ? गोयमा ! पणयालीसं जोअण-सहस्साइं तिण्णि अ सत्तावीसे जोअण-सए तेरस य एगसट्ठि-भाए जोअणस्स अबाहाए बाहिराणंतरे सूर-मंडले पण्णत्ते। ___ जंबुद्दीवेणं भंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइआए अबाहाए बाहिरतच्चे सूर-मंडले पण्णत्ते ? गोयमा ! पणयालीसं जोअण-सहस्साई तिण्णि अचउवीसे जोअण-सए छव्वीसं च एगसट्ठिभाए जोअणस्स अबाहाए बाहिरतच्चे सूर-मंडले पण्णत्ते। एवं खलु एएणं उवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ मंडलाओ तयाणंतरं मंडल संकममाणे संकममाणे दो दो जोअणाई अडयालीसं च एगसट्ठि-भाए जोअणस्स एगमेगे मंडले अबाहाबुष्टुिं णिवुड्डेमाणे णिबुड्ढे माणे सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ। [१६४] भगवन् ! सर्वाभ्यन्तर सूर्य-मण्डल जम्बूद्वीप स्थित मन्दर पर्वत से कितनी दूरी पर बतलाया गया हैं ? गौतम ! सर्वाभ्यन्तर सूर्य-मण्डल मंदर पर्वत से ४४८२० योजन की दूरी पर बतलाया गया है। भगवन् ! जम्बूद्वीप-स्थित मन्दर पर्वत के सर्वाभ्यन्तर सूर्य-मण्डल से दूसरा सूर्य-मण्डल कितनी , दूरी पर बतलाया गया है ? - गौतम ! सर्वाभ्यन्तर सूर्य-मण्डल से दूसरा सूर्य-मण्डल ४४८२२५/, योजन की दूरी पर बतलाया गया है। ____ भगवन् ! जम्बूद्वीप-स्थित मन्दर पर्वत के सर्वाभ्यन्तर सूर्य-मण्डल से तीसरा सूर्य-मण्डल कितनी दूरी पर बतलाया गया है ? गौतम ! सर्वाभ्यन्तर सूर्य-मण्डल से तीसरा सूर्य-मण्डल ४४८२५३५/., योजन की दूरी पर बतलाया गया है। यों प्रति दिन रात एक-एक मण्डल के परित्यागरूप क्रम से निष्क्रमण करता हुआ-लवणसमुद्र की ओर जाता हुआ सूर्य तदनन्तर मण्डल से तदनन्तर मण्डल-पूर्व मण्डल से उत्तर मण्डल पर संक्रमण करता हुआ एक-एक मण्डल पर २५/, योजन दूरी की अभिवृद्धि करता हुआ सर्वबाह्य मण्डल पर पहुँच कर गति करता है। भगवन् ! सर्वबाह्य सूर्य-मण्डल से जम्बुद्वीप-स्थित मन्दर पर्वत से कितनी दूरी पर बतलाया गया गौतम ! सर्वबाह्य सूर्यमण्डल जम्बूद्वीप-स्थित मन्दर पर्वत से ४५३३० योजन की दूरी पर बतलाया गया है।
SR No.003460
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1986
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Geography, & agam_jambudwipapragnapti
File Size10 MB
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