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[जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र
कृत्तमालक देव, नृत्तमालक देव तथा ऋषभकूट कितने-कितने बतलाये गये हैं ?
गौतम ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत चौतीस चक्रवर्ति-विजय, चौतीस राजधानियाँ, चौतीस तिमिस गुफाएँ, चौतीस खण्डप्रपात गुफाएँ, चौतीस कृत्तमालक देव, चौतीस नृत्तमालक देव तथा चौतीस ऋषभकूट बतलाये गये हैं।
९. भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत महाद्रह कितने बतलाये गये हैं ? गौतम ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत सोलह महाद्रह बतलाये गये हैं।
१०. भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत वर्षधर पर्वतों से कितनी महानदियाँ निकलती हैं और कुण्डों से कितनी महानदियाँ निकलती हैं ?
गौतम ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत चौदह महानदियाँ वर्षधर पर्वतों से निकलती हैं तथा छियत्तर महानदियाँ कुण्डों से निकलती हैं।
कुल मिलाकर जम्बूद्वीप में १४+७६=९० नब्बै महानदियाँ हैं, ऐसा कहा गया है। ११. भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत भरत क्षेत्र तथा ऐरावत क्षेत्र में कितनी महानदियाँ बतलाई गई .
गौतम ! चार महानदियाँ बतलाई गई हैं-गंगा, २. सिन्धु, ३. रक्ता तथा ४. रक्तवती।
एक एक महानदी में चौदह-चौदह हजार नदियाँ मिलती हैं। उनसे आपूर्ण होकर वे पूर्वी एवं पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती है। भरतक्षेत्र में गंगा महानदी पूर्वी लवणसमुद्र में तथा सिन्धु महानदी पश्चिमी लवणसमुद में मिलती है। ऐरावत क्षेत्र में रक्ता महानदी पूर्वी लवणसमुद्र में तथा रक्तवती महानदी पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती है।
यों जम्बुद्वीप के अन्तर्गत भरत तथा ऐरवत क्षेत्र में कुल १४०००x४-५६००० छप्पन हजार नदियाँ होती हैं।
१२. भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत हैमवत एवं हैरण्यवत क्षेत्र में कितनी महानदियाँ बतलाई गई
हैं ?
गौतम ! चार महानदियाँ बतलाई गई हैं१. रोहिता, २. रोहितांशा, ३. सुवर्णकूला तथा ४. रूप्यकूला।
वहाँ इनमें से प्रत्येक महानदी में अट्ठाईस-अट्ठाईस हजार नदियाँ मिलती हैं। वे उनसे आपूर्ण होकर पूर्वी एवं पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती हैं।
___ हैमवत में रोहिता पूर्वी लवणसमुद्र में तथा रोहितांशा पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती है। हैरण्यवत में सवर्णकूला पूर्वी लवणसमुद्र में तथा रूप्यकूला पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती है। ..