________________
क्रम कर्मप्रकृति का नाम
१
ज्ञानावरणीय (पंचविध )
२ दर्शनावरणीय निद्रापंचक
३ दर्शनावरणीय दर्शनचतुष्क
४ सातावेदनीयकर्म
ईर्यापथिकापेक्षा से
| साम्परायिक बन्धक
की अपेक्षा से असातावेदनीय कर्म
६ सम्यक्त्ववेदनीय (मोहनीय)
७
मिथ्यात्ववेदनीय (मोहनीय)
८ सम्यग्मिथ्यात्ववेदनीय (मोहनीय)
९ कपाय - द्वादशक (प्रारम्भ के
१२ कपाय) अनन्ता, अप्रत्या प्रत्या,
१० संज्वलनक्रोध (मोहनीय)
११ संज्वलनमान (मोहनीय)
१२ संज्वलनमाया (मोहनीय)
जघन्य स्थिति
अन्तर्मुहूर्त
पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम
सागरोपम के ३/७ भाग अन्तर्मुहूर्त
दो समय बारह मुहूर्त
पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम सागरोपम का ३/७ भाग अन्तमुहूर्त
पल्योपम का असंख्यातवाँ भाग कम १/७ सागरोपम
अन्तर्मुहूर्त
पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम सागरोपम का ४/७ भाग
दो मास
एक मास
अर्द्धमास
उत्कृष्ट स्थिति
३० कोडाकोडी सागरोपम
३० कोडाफोडी सागरोपम
३० कोडाकोडी सागरोपम
दो समय
१५ कोडाकोडी सागरोपम
३० कोडाकोडी सागरोपम
कुछ अधिक ६६ सागरोपम ७० कोडाकोडी सागरोपम
अन्तर्मुहूर्त
४० कोडाकोडी सागरोपम
४० कोडाकोडी सागरोपम
४० कोडाकोडी सागरोपम
४० कोडाकोडी सागरोपम
अबाधाकाल निषेककाल ३ हजार वर्ष
उत्कृष्ट स्थिति में हजार वर्ष कम
३ हजार वर्ष उत्कृष्ट स्थिति में ३
हजार वर्ष कम
२ हजार वर्ष उत्कृष्ट स्थिति में ३
हजार वर्ष कम
१५०० वर्ष
३००० वर्ष
७००० वर्ष
४००० वर्ष
४००० वर्ष
४००० वर्ष
४००० वर्ष
उत्कृष्ट स्थिति में
१५०० वर्ष कम
उत्कृष्ट स्थिति में तीन हजार वर्ष कम
उत्कृष्ट स्थिति में ७ हजार वर्ष कम
उत्कृष्ट स्थिति में ४ हजार वर्ष कम
उत्कृष्ट स्थिति में ४ हजार वर्ष कम
उत्कृष्ट स्थिति में ४
हजार वर्ष कम
उत्कृष्ट स्थिति में ४ हजार वर्ष कम
[ प्रज्ञापनासूत्र ]
[44