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जिनागम-ग्रन्थमाला : ग्रन्थाङ्क २०
ॐ अर्ह
[ परमश्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमल जी महाराज की पुण्य स्मृति में आयोजित ]
श्रीश्यामार्यवाचक- संकलित चतुर्थ उपाङ्ग
प्रज्ञापना सूत्र
[ द्वितीय खण्ड, पद १०-२२]
[ मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, टिप्पणयुक्त ]
प्रेरणा
उपप्रवर्त्तक शासनसेवी स्व. स्वामी श्री व्रजलालजी महाराज
आद्य संयोजक तथा प्रधान सम्पादक स्व. युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर'
अनुवादक - विवेचक - सम्पादक
श्री ज्ञानमुनिजी महाराज [ स्व. जैनधर्मदिवाकर आचार्य श्री आत्मारामजी म. . के सुशिष्य ]
प्रकाशक
श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राजस्थान )