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प्रज्ञापना सूत्र द्वितीय भाग (प्रथम संस्करण) के अर्थ सहायक
श्री हुक्मीचन्दजी सा. चोरडिया
(प्रथम संस्करण से )
आगम प्रकाशन समिति का एकमात्र उद्देश्य वीतरागवाणी के निर्देशक जैन आगमों को सर्वसाधारण के लिये कम कम मूल्य में पठन-पाठन के लिए सुलभ करना है। अतएव समिति की न कोई प्रादेशिक सीमाएं है और न साम्प्रदायिक। वह सभी अंचलों, प्रान्तों एवं देशों के लिए तथा समस्त गणों, गच्छों एवं सम्प्रदायों के लिए समान है। यही कारण है कि भारत के विभिन्न अंचलों में निवास करने वाले आगमप्रेमी सज्जनों का सहयोग समिति को प्राप्त हो रहा है। तथापि यह उल्लेख करना उचित होगा कि नोखा (चांदावतों) के वृहत् चोरडिया - परिवार का योगदान अतिशय महत्वपूर्ण और सराहनीय है। इस परिवार के विभिन्न सदस्यों ने आगम-प्रकाशन के इस भगीरथअनुष्ठान में जो आर्थिक सहयोग प्रदान किया है, वह असाधारण है। इससे पूर्व अनेक आगमों का प्रकाशन इसी परिवार के श्रीमन्तों की आर्थिक सहायता से हुआ है और प्रस्तुत आगम भी इसी परिवार के प्रतिष्ठित सदस्य एवं श्रीमन्त सेठ हुक्मीचन्दजी चोरड़िया के विशेष अर्थसहयोग से हो रहा है
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श्री हुक्मीचन्द जी चोरड़िया स्व. सेठ जोरावरमलजी सा. के चार सुपुत्रों में सब से छोटे हैं। आप सन् १९५४ से १९५८ तक अपने बड़े भ्राता श्रीमान् दुलीचन्दजी सा., जिनका परिचय हम औपपातिकसूत्र में दे चुके हैं, के साथ भागीदार के रूप में व्यवसाय करते रहे । तत्पश्चात् आपने स्वतन्त्र रूप से फाइनेन्स का व्यवसाय प्रारम्भ किया, जो आज आपकी सूझबूझ और लगन के कारण पूरी तरह फल-फूल रहा
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श्री हुक्मीचन्दजी सा. युवा हैं और युवकोचित उत्साह से सम्पन्न हैं, पर आपके उत्साह का प्रवाह एकमुखी नहीं है । वह जैसे व्यवसायोन्मुख है, उसी प्रकार सेवोन्मुख भी है । अपने व्यवसायकेन्द्र मद्रास में चलने वाली शैक्षणिक, साहित्यिक एवं सामाजिक अनेक संस्थाओं के साथ आप विभिन्न रूप से जुड़े हुये हैं और उनके माध्यम से समाजसेवा का पुनीत दायित्व निभा रहे हैं । निम्नलिखित संस्थाओं आपका सहयोग मिला और मिल रहा है -
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(१) जैनभवन
(५) जैन सेवासमिति, नोखा
(२) मानव- राहतकोष
(६) श्वे. स्वा. जैन महिला संघ
(३) श्री एस. एस. जैन एज्यूकेशन सोसायटी
(७) अहिंसा प्रचार संघ
(४) मुनि श्री हजारीमल स्मृति प्रकाशन
(८) राजस्थानी यूथ एसोसियेशन
आप जैन मेडिकल रिलीफ सोसायटी, श्री गणेशीबाई गर्ल्स हाईस्कूल, श्री देवराज माणकचन्द हॉस्पीटल आदि अनेक संस्थाओं के सदस्य हैं ।
इनके अतिरिक्त जनहित की प्रशस्त भावना से 'जोरावरमल हुक्मीचन्दजी चोरडिया ट्रस्ट' स्थापित किया है । 'हुक्मीचन्द चोरड़िया रोलिंग ट्राफी' आपके द्वारा प्रदान की जाती है।
इस प्रकार आपका जीवन सेवामय है । हम आपके दीर्घ और मंगलमय जीवन की कामना करते है । - मन्त्री