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________________ ३९४ ४४३-४४७ पाँच स्थावरों के अनन्त पर्यायों की प्ररूपणा ३८७ ४४८-४५१ विकलेन्द्रिय एवं तिर्यंच पंचेन्द्रिय जीवों के अनन्त पर्यायों का निरूपण ३९१ ४५२ मनुष्यों के अनन्त पर्यायों की सयुक्तिक प्ररूपणा ३९२ ४५३-४५४ वाणव्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिक देवों के अनन्त पर्यायों की प्ररूपणा ३९३ ४५५-४६३ विभिन्न अपेक्षाओं से जघन्यादियुक्त अवगाहनादि वाले नारकों की प्ररूपणा ४६४-४६५ जघन्यादियुक्त अवगाहना वाले असुरकुमारादि भवनपति देवों के पर्याय ४०२ ४६६-४७२ जघन्यादि युक्त अवगाहनादि विशिष्ट एकेन्द्रिय के पर्याय ४०३ ४७३-४८० जघन्यादि युक्त अवगाहनादि विशिष्ट विकलेन्द्रियों के पर्याय ४०८ ४८१-४८८ जघन्य अवगाहनादि वाले पंचेन्द्रियतिर्यंचों की विविध अपेक्षाओं से पर्याय-प्ररूपणा ४१३ ४८९-४९८ जघन्य-उत्कृष्ट-मध्यम अवगाहनादि वाले मनुष्यों की पर्याय-प्ररूपणा ४९९ वाणव्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिक देवों की पर्याय-प्ररूपणा अजीव-पर्याय ५००-५०३ अजीवपर्याय के भेद-प्रभेद और पर्यायसंख्या ५०४-५२४ परमाणुपुद्गल आदि की पर्याय सम्बन्धी वक्तव्यता (परमाणु पुद्गलों में अनन्त पर्यायों की सिद्धि परमाणु चतु:स्पर्शी और षट्स्थानपतित द्विप्रदेशी-यावत् दशप्रदेशी स्कन्ध तक की हीनाधिकता अवगाहना की दृष्टि से ५२५-५३७ जघन्यादि विशिष्ट अवगाहना एवं स्थिति वाले द्विप्रदेशी से अनन्त प्रदेशी स्कन्ध तक की पर्याय-प्ररूपणा द्विप्रदेशी स्कन्ध में मध्यम अवगाहना नहीं होती ५३८-५५३ जघन्यादि युक्त वर्णादियुक्त पुद्गलों की पर्याय-प्ररूपणा ५५४-५५८ जघन्यादि सामान्य पुद्गल स्कन्धों की विविध अपेक्षाओं से पर्याय-प्ररूपणा छठा व्युत्क्रान्तिपद प्राथमिक ४६४ ५५९ व्युत्क्रान्ति पद के आठ द्वार ४६७ ५६०-५६८ नरकादि गतियों में उपपात और उद्वर्तना का विरहकाल निरूपण (प्रथम द्वादश द्वार) ४६७ ५६९-६०८ नैरयिकों से अनुत्तरौपपातिकों तक के उपपात और उद्वर्तना के विरहकाल की प्ररूपणा (द्वितीय चतुर्विंशति द्वार) ६०९-६२५ नैरयिकों से सिद्धों तक की उत्पत्ति और उद्वर्तना का सान्तर-निरन्तर-निरूपण (तीसरा सान्तर द्वार) ४७७ ६२६-६३८ (चौथा एक समय द्वार :) चौबीस दण्डकवर्ती जीवों और सिद्धों की एक समय में उत्पत्ति और उद्वर्तना की संख्या-प्ररूपणा ४७० ४८० [९६]
SR No.003456
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1983
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size12 MB
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