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________________ चतुर्थ स्थितिपद ] [ ३१९ [३३८-२ प्र.] भगवन्! अपर्याप्तक-वालुकाप्रभापृथ्वी के नारकों की स्थिति कितने काल की कही गई है ? [३३८-२] गौतम! जघन्य अन्तर्मुहुर्त्त की और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त्त की है। [ ३ ] पज्जत्तयवालुयप्पभापुढविनेरइयाणं भंते! केवतियं कालं ठिती पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं तिण्णि सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं सत्त सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई । [३३८-३ प्र.] भगवन्! पर्याप्तक- वालुकाप्रभापृथ्वी के नारकों की स्थिति कितने काल की कही गई है ? [३३८-३] गौतम! जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त कम तीन सागरोपम की और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त कम सात सागरोपम की है । ३३९. [ १ ] पंकप्पभापुढविनेरइयाणं भंते! केवतियं कालं ठिती पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं सत्त सागरोवमाई, उक्कोसेणं दस सागरोवमाई | [३३९-१ प्र.] भगवन्! पंकप्रभापृथ्वी के नैरयिकों की स्थिति कितने काल की कही गई है ? [३३९ - १] गौतम ! जघन्य सात सागरोपम की और उत्कृष्ट दस सागरोपम की है। [ २ ] अपज्जत्तयपंकप्पभापुढविनेरइयाणं भंते! केवतियं कालं ठिती पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं वि अंतोमुहुत्तं । [३३९-२ प्र.] भगवन्! अपर्याप्तक-पंकप्रभापृथ्वी के नैरयिकों की स्थिति कितने काल की कही गई है ? [३३९ - २] गौतम ! जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त की और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त्त की है। [ ३ ] पज्जत्तयपंकप्पभापुढविनेरइयाणं भंते! केवतियं कालं ठिती पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं सत्त सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं दस सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई । [३३९-३ प्र.] भगवन्! पर्याप्तक- पंकप्रभापृथ्वी के नारकों की स्थिति कितने काल की कही गई है ? [३३८-३] गौतम! जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त कम सात सागरोपम की और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त कम दस सागरोपम की है । ३४०. [ १ ] धूमप्पभापुढविनेरइयाणं भंते! केवतियं कालं ठिती पण्णत्ता ? गोयमा! जहण्णेणं दस सागरोवमाई, उक्कोसेणं सत्तरस सागरोवमाइं । [३४०-१ प्र.] भगवन्! धूमप्रभापृथ्वी के नैरयिकों की स्थिति कितने काल की कही गई है ?
SR No.003456
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1983
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size12 MB
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