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________________ तृतीय बहुवक्तव्यतापद] [२७१ [२७२-३ प्र.] भगवन्! इस आकाशास्तिकाय के द्रव्य और प्रदेशों की अपेक्षा से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक है ? .. [२७२-३ उ.] गौतम! १. सबसे अल्प द्रव्य की अपेक्षा से एक आकाशास्तिकाय (द्रव्य) है और २. वही प्रदेशों की अपेक्षा से अनन्तगुण है। [४] एतस्स णं भंते! जीवत्थिकायस्स दव्वट्ठ-पदेसट्ठताए कतरे कतरेहितो अण्या वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवा जीवत्थिकाए दव्वट्ठयाए, से चेव पदेसट्ठताए असंखेज्जगुणे। [२७२-४ प्र.] भगवन् ! इस जीवास्तिकाय के द्रव्य और प्रदेशों की अपेक्षा से कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक है ? ___[२७२-४ उ.] गौतम! १. सबसे अल्प द्रव्य की अपेक्षा से जीवास्तिकाय है और २. वही प्रदेशों की अपेक्षा से असंख्यातगुण है। [५] एतस्स णं भंते! पोग्गलत्थिकायस्स दव्वट्ठ-पदेसट्ठताए कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवा पोग्गलत्थिकाए दवट्ठयाए, से चेव पदेसट्ठयाए असंखेज्जगुणे। ___ [२७२-५ प्र.] भगवन् ! इस पुद्गलास्तिकाय के द्रव्य और प्रदेशों की दृष्टि से कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक है ? [२७२-५ उ.] गौतम! १. सबसे अल्प पुद्गलास्तिकाय द्रव्य की अपेक्षा से है, २. प्रदेशों की अपेक्षा से वही असंख्यातगुणा है। [६] अद्धासमए ण पुच्छिज्जइ पदेसाभावा । _ [२७२-६] काल (अद्धा-समय) के सम्बन्ध में प्रश्न नहीं पूछा जाता, क्योंकि उसमें प्रदेशों का अभाव है। २७३. एतेसि णं भंते! धम्मत्थिकाय-अधम्मत्थिकाय-आगासस्थिकाय-जीवत्थिकायपोग्गलत्थिकाय-अद्धासमयाणं दव्वट्ठ-पदेसट्ठताए कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासस्थिकाए य एते णं तिण्णि वि तुल्ला दव्वट्ठयाए सव्वत्थोवा १, धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए य एते णं दोण्णि वि तुल्ला पदेसट्ठताए असंखेज्जगुणा २, जीवत्थिकाए दव्वट्ठयाए अणंतगुणे ३, से चेव पदेसट्ठताए असंखेजगुणे ४, पोग्गलत्थिकाए दव्वट्ठयाए अणंतगुणे ५, से चेव पदेसट्ठयाए असंखेज्जगुणे ६, अद्धासमए दवट्ठ-पदेसट्टयाए अणंतगुणे ७, आगासत्थिकाए पएसट्ठयाए अणंतगुणे ८। दारं २१॥
SR No.003456
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1983
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size12 MB
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