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________________ २५० ] [ प्रज्ञापना सूत्र असंखेज्जगुणा २, सुहुमवाउकाइया अपज्जत्तया असंखेज्जगुणा ३, सुहुमवाउकाइया पज्जत्तया खेज्जगुण ४ । [२५०-५ प्र.] भगवन् ! इन सूक्ष्म वायुकायिकों तथा बादर वायुकायिकों के पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? [२५०-५ उ.] गौतम! १. सबसे थोड़े बादर वायुकायिक- पर्याप्तक हैं, २. ( उनसे ) बादर वायुकायिक-अपर्याप्तक असंख्यातगुणे अधिक हैं, ३. ( उनसे ) सूक्ष्म वायुकायिक अपर्याप्तक असंख्यात गुणे हैं, ४. (और उनसे भी) सूक्ष्म वायुकायिक- पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं । [ ६ ] एएसि णं भंते! सुहुमवणस्सतिकाइयाणं बादरवणस्सतिकाइयाण य पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बादरवणस्सइकाइया पज्जत्तया १, बादरवणस्सतिकाइया अपंज्जत्तया असंखेज्जगुणा २, सुहुमवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा ३, सुहुमवणस्सइकाइया पज्जत्तया संखेज्जगुणा ४ | [२५०-६ प्र.] भगवन्! इन सूक्ष्म वनस्पतिकायिकों तथा बादर वनस्पतिकायिकों के पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य और विशेषाधिक हैं ? [२५०-६ उ.] गौतम! १. सबसे कम बादर वनस्पतिकायिक- पर्याप्तक हैं, २. ( उनसे) बादर वनस्पतिकायिक-अपर्याप्तक जीव असंख्यातगुणे हैं, ३. ( उनसे ) सूक्ष्म वनस्पतिकायिक- अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं (और उनसे भी) ४. सूक्ष्म वनस्पतिकायिक- पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं । [७] एतेसि णं भंते! सुहुमनिगोदाणं बादरनिगोदाण य पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बादरनिगोदा पज्जत्तगा १, बायरनिगोदा अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा २, सुहुमनिगोया अपज्जत्तया असंखेज्जगुणा ३, सुहुमनिगोदा पज्जत्तगा संखेज्जगुणा ४ । [२५०-७ प्र.] भगवन् ! इन सूक्ष्म निगोदों एवं बादर निगोदों के पर्याप्तकों तथा अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? [२५०-७ उ.] गौतम ! १. सबसे थोड़े बादर निगोद - पर्याप्तक हैं, २. ( उनसे) बादर निगोद-अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे ) सूक्ष्म निगोद - अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ( और उनसे भी) ४. सूक्ष्म निगोद-पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं। २५१. एएसि णं भंते! सुहुमाणं सुहुमपुढविकाइयाणं सुहुमआउकाइयाणं सुहुमतेउकाइयाणं सुहुमवाउकाइयाणं सुहुमवणस्सइकाइयाणं सुहुमनिगोदाणं बादराणं बादरपुढविकाइयाणं बादरआउकाइयाणं बादरतेउकाइयाणं बादरवाउकाइयाणं बादरवणस्सतिकाइयाणं पत्तेयसरीरबादर
SR No.003456
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1983
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size12 MB
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