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________________ तृतीय बहुवक्तव्यतापद] [२३९ गोयमा! सव्वत्थोवा सुहुमआउकाइया अपज्जत्तया, सुहुमआउकाइया पज्जत्तया संखेज्जगुणा। [२४०-३ प्र.] भगवन् ! इन सूक्ष्म अप्कायिक पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? [२४०-३ उ.] गौतम! सबसे कम सूक्ष्म अप्कायिक अपर्याप्तक हैं, (उनसे) सूक्ष्म अप्कायिक पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं। [४] एतेसि णं भंते! सुहुमतेउकाइयाणं पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? ___ गोयमा! सव्वत्थोवा सुहुमतेउकाइया अपज्जत्तया, सुहुमतेउकाइया पज्जत्तगा संखेजगुणा। [२४०-४ प्र.] भगवन् ! इन सूक्ष्म तेजस्कायिक पर्याप्तक और अपर्याप्तकों में से कौन किन से अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? __ [२४०-४ उ.] गौतम! सबसे कम सूक्ष्म तेजस्कायिक अपर्याप्तक हैं, (उनसे) सूक्ष्म तेजस्कायिक पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं। [५] एएसि णं भंते! सुहमवाउकाइयाणं पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवा सुहुमवाउकाइया अपज्जत्तया, सुहुमवाउकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा। [२४०-५ प्र.] भगवन् ! इन सूक्ष्म वायुकायिक पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? [२४०-५ उ.] गौतम! सबसे थोड़े सूक्ष्म वायुकायिक अपर्याप्तक जीव हैं, (उनसे) सूक्ष्म वायुकायिक पर्याप्तक जीव संख्यातगुणे हैं। [६] एएसि णं भंते! सुहुमवणप्फइकाइयाणं पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवा सुहुमवणप्फइकाइया अपज्जत्तगा, सुहुमवणप्फइकाइया पज्जत्तगा संखेजगुणा। [२४०-६ प्र.] भगवन् ! इन सूक्ष्म वनस्पतिकायिक पर्याप्तक और अपर्याप्तक जीवों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं। [२४०-६ उ.] गौतम! सबसे अल्प सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक हैं, (उनसे) सूक्ष्म वनस्पतिकायिक पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं। [७] एएसि णं भंते! सुहमनिगोदाणं पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?
SR No.003456
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1983
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size12 MB
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