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[जीवाजीवाभिगमसूत्र
हुआ आटा हो, जपा का फूल हो, किंशुक का फूल हो, पारिजात का फूल हो, लाल कमल हो, लाल अशोक हो, लाल कनेर हो, लाल बन्धुजीवक हो, भगवन् ! क्या ऐसा उन तृणों, मणियों का वर्ण है ? गौतम ! यह यथार्थ नहीं है । उन लाल तृणों और मणियों का वर्ण इनसे भी अधिक इष्ट, कान्त, प्रिय, मनोज्ञ और मनोहर कहा गया है।
१२६.(५) तत्थ णं जे ते हालिद्दगा तणा य मणी य तेसिंणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते-से जहानामए चंपए इवा, चंपगच्छल्ली इवा, चंपगभेए इवा, हालिहाइवा, हालिद्दभेए इवा, हालिहगुलिया इ वा, हरियाले इ वा, हरियालभेए इ वा, हरियालगुलिया इ वा, चिउरे इवा, चिउरंगरागे इ वा, वरकणए इ वा, वरकणगनिघसे इ वा (सुवण्णसिप्पिए इवा) वरपुरिसवसणे इवा, सल्लइकुसुमे इवा, चंपककुसुमे इवा, कुहुंडियाकुसुमे इवा, (कोरंटकदामे इवा) तडउडाकुसुमे इवा, घोसाडियाकुसुमे इवा, सुवण्णजूहियाकुसुमे इवा, सुहरिन्नयाकुसुमे इवा (कोरिंटवरमल्लदामे इ वा), बीयगकुसुमे इ वा, पीयासोए इवा, पीयकणवीरे इवा, पीयबंधुजीवए इवा, भवे एयारूवे सिया?
नो इणढे समटे ।ते णं हालिहा तणा यमणी य एत्तो इट्ठयरा चेव जाव वण्णेणं पण्णत्ता।
[१२६] (५) उन तृणों और मणियों में जो पीले वर्ण के तृण और मणियां हैं उनका वर्ण इस प्रकार का कहा गया है, जैसे सुवर्णचम्पक का वृक्ष हो, सुवर्णचम्पक की छाल हो, सुवर्णचम्पक का खण्ड हो, हल्दी, हल्दी क टुकड़ा हो, हल्दी के सार की गुटिका हो, हरिताल (पृथ्वीविकार रूप द्रव्य) हो, हरिताल का टुकड़ा हो, हरिताल की गुटिका हो, चिकुर (रागद्रव्यविशेष) हो, चिकुर से बना हुआ वस्त्रादि पर रंग हो, श्रेष्ठ स्वर्ण हो, कसौटी पर घिसे हुए स्वर्ण की रेखा हो, (स्वर्ण की सीप हो), वसुदेव का वस्त्र हो, सल्लकी का फूल हो, स्वर्णचम्पक का फूल हो, कूष्माण्ड का फूल हो, कोरन्टपुष्प की माला हो, तडवडा (आवली) का फूल हो, घोषातकी का फूल हो, सुवर्णयूथिका का फूल हो, सुहरण्यिका का फूल हो, बीजकवृक्ष का फूल हो, पीला अशोक हो, पीला कनेर हो, पीला बन्धुजीवक हो। भगवन् ! उन पीले तृणों और मणियों का ऐसा वर्ण है क्या ? गौतम ! ऐसा नहीं है। वे पीले तृण और मणियां इनसे भी अधिक इष्ट, कान्त, प्रिय, मनोज्ञ, और मनोहर वर्ण वाली हैं।
१२६.(६) तत्थ णंजे ते सुक्किलगा तणा य मणी य तेसिं णं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते-से जहाणामए अंके इवा, संखे इवा, चंदे इवा, कुंदे इवा, कुमुए इवा, दयरए इ वा, (दहिघणे इ वा, खीरे इ वा, खीरपूरे इ वा), हंसावली इवा, कोंचावली इवा, हारावली इवा, बलयावली इवा, चंदावली इवा, सारइयबलाहए इवा, धंतधोयरुप्पपट्टे इवा, सालिपिट्ठरासी इवा, कुंदपुष्फरासी इवा, कुमुयरासीइ वा, सुक्कछिवाडी इ वा, पेहणमिंजा इवा, बिसे इवा, मिणालिया इवा, गयदंते इ वा, लवंगदले इवा, पोंडरीयदले इवा, सिंदुवारमल्लदामे इवा, सेतासोए इ वा, सेयकणवीरे इ वा, सेयबंधुजीवए इ वा, भवे एयारूवे सिया ?