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[जीवाजीवाभिगमसूत्र
चमर वहाँ निवास करता है। वह ६४ हजार सामानिक देवों, तेतीस त्रायस्त्रिंशक देव, चार लोकपाल, सपरिवार, पांच अग्रमहिषियों तीन पर्षदा, सात अनीक, सात अनिकाधिपति, चार ६४ हजार (अर्थात् दो लाख छप्पन हजार) आत्मरक्षक देव और अन्य बहुत से दक्षिण दिशा के देव-देवियां का आधिपत्य करता हुआ विचरता
उत्तर दिशा के असुरकुमारों के तीस लाख भवनावास हैं। उन तीस लाख भवनावासों का, साठ हजार सामानिक देवों का, चार लोकपालों का, सपरिवार पांच अग्रमहिषियों का, तीन परिषदों का, सात सेनाओं का, सात सेनाधिपतियों का, चार साठ हजार (दो लाख चालीस हजार) आत्मरक्षक देवों का तथा अन्य बहुत से उत्तर दिशा के असुरकुमार देव-देवियों का आधिपत्य करता हुआ वैरोचनेन्द्र वैरोचनराज बलीन्द्र वहाँ निवास करता है। चमरेन्द्र की परिषद् का वर्णन
[११८] चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुरनो कइ परिसाओ पण्णत्ताओ?
गोयमा ! तओ परिसाओ पण्णत्ताओ, तं जहा-समिया, चंडा, जाया। अभितरिया समिया, मज्झिमिया चंडा बाहिरिया जाया।
चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुररन्नो अभितरपरिसाए कइ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ? मज्झिमपरिसाए कइ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ ? बाहिरियाए परिसाए कइ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ?
गोयमा ! चमरस्स णं असुरिंदस्स असुररन्नो अभितरपरिसाए चउवीसं देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ,मज्झिमाए परिसाए अट्ठावीसंदेवसाहस्सीओपण्णत्ताओ, बाहिरियाए परिसाए बत्तीसं देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ।
चमरस्सणंभंते!असुरिंदस्सअसुररण्णोअभितरियाएपरिसाए क्हदेविसयापण्णत्ता? मज्झिमियाए परिसाए कइ देविसया पण्णत्ता? बाहिरियाएपरिसाए कतिदेविसया पण्णत्ता?
गोयमा ! चमरस्स णं असुरिंदस्स असुररण्णो अभितरियाए परिसाए अद्भुट्ठा देविसया पण्णत्ता मज्झिमियाए परिसाए तिन्नि देविसया पण्णत्ता बाहिरियाए अड्डाइज्जा देविसया पण्णत्ता।
चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुररण्णो अभितरियाए परिसाए देवाणं केवइयं ठिई पण्णत्ता? मज्झिमियाए परिसाए० बाहिरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? अब्भिंतरियाए परिसाए देवीणं केवइयं कालं ठिती पण्णत्ता? मज्झिमियाए परिसाए देवीणं केवइयं कालं ठिती पण्णत्ता ? बाहिरियाए परिसाए देवीणं केवइयं कालं ठिती पण्णत्ता ?
गोयमा ! चमरस्स णं असुरिंदस्स असुररन्नो अभितरियाए परिसाए देवाणं अड्डाइज्जाइं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए देवाणं दो पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता। बाहिरियाए परिसाए देवाणं दिवड्ढं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता।अभितरियाए परिसाए देवीणं दिवड्ढं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए देवीणं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता।