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राजप्रश्नीयसूत्र के फूल, बीजक के फूल, पीले अशोक, पीली कनेर अथवा पीले बंधुजीवक जैसा पीला था ?
३८- णो इणढे समढे, ते णं हालिद्दा मणी एत्तो इट्ठतराए चेव जाव' वण्णेणं पण्णत्ता।
३८- आयुष्मन् श्रमणो! ये पदार्थ उनकी उपमा के लिए समर्थ नहीं हैं। वे पीली मणियां तो इन से भी इष्टतर यावत् पीले वर्ण वाली थीं।
३९- तत्थं णं जे ते सुक्किल्ला मणी तेसिं णं मणीणं इमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्तेसे जहानामए अंकेति वा, संखे ति वा, चंदेति वा, कुमुद-उदक-दयरय-दहि-घणक्खीर-क्खीरपूरे ति वा, कोंचावली ति वा, हारावली ति वा, हंसावली इ वा, बलागावली ति वा, सारतियबलाहए ति वा, धंतधोयरुप्पपट्टे इ वा, सालीपिट्ठरासी ति वा, कुंदपुष्फरासी ति वा, कुमुदरासी ति वा, सुक्कच्छिवाडी ति वा, पिहुणमिंजिया ति वा, भिसे ति वा, मुणालिया ति वा, गयदंते ति वा, लवङ्गदलए ति वा, पोंडरियदलए ति वा, सेयासोगे ति वा सेयकणवीरे ति वा, सेयबंधुजीवे ति वा, भवे एयारूवे सिया ?
३९- हे भगवन् ! उन मणियों में जो श्वेत वर्ण की मणियां थीं क्या वे अंक रत्न, शंख, चन्द्रमा, कुमुद, शुद्ध जल, ओस बिन्दु, दही, दूध, दूध के फेन, क्रोंच पक्षी की पंक्ति, मोतियों के हार, हंस पंक्ति, बलाका पंक्ति, चन्द्रमा की पंक्ति (जल के मध्य में प्रतिबिम्बित चन्द्रपंक्ति), शरद ऋतु के मेघ, अग्नि में तपाकर धोये गये चांदी के पतरे, चावल के आटे, कुन्दपुष्प-समूह, कुमुद पुष्प के समूह, सूखी सिम्बा फली (सेम की फली), मयूरपिच्छ का सफेद मध्य भाग, विस-मृणाल, मृणालिका, हाथी के दांत, लोंग के फूल, पुंडरीककमल (श्वेत कमल), श्वेत अशोक, श्वेत कनेर अथवा श्वेत बंधुजीवक जैसी श्वेत वर्ण की थीं?
४०– णो इणढे समढे, ते णं सुक्किला मणी एत्तो इट्ठतराए चेव जाव' वन्नेणं पण्णत्ता। ___४०–आयुष्मन् श्रमणो! ऐसा नहीं है। वे श्वेत मणियां तो इनसे भी अधिक इष्टतर, यावत् सरस, मनोहर आदि मनोज्ञ श्वेत वर्ण वाली थीं। मणियों का गन्ध-वर्णन
४१– तेसि णं मणीणं इमेयारूवे गंधे पण्णत्ते, से जहानामए कोट्ठपुडाण वा, तगरपुडाण वा, एलापुडाण वा, चोयपुडाण वा, चंपापुडाण वा, दमणापुडाण वा, कुंकुमपुडाण वा, चंदणपुडाण वा, उसीरपुडाण वा, मरुआपुडाण वा, जातिपुडाण वा, जूहियापुडाण वा, मल्लियापुडाण वा, हाणमल्लियापुडाण वा, केतगिपुडाण वा, पाडलिपुडाण वा, णोमालियापुडाण वा, अगुरुपुडाण वा, लवंगपुडाण वा, वासपुडाण वा, कप्पूरपुडाण वा, अणुवायंसि वा, ओभिज्जमाणाण वा, कुट्टिज्जमाणाण वा, भंजिज्जमाणाण वा, उक्किरिज्जमाणाण वा, विक्किरिज्जमाणाण वा, परिभुज्जमाणाण वा, परिभाइज्जमाणाण वा, भण्डाओ वा भंडं साहरिज्जमाणाण
१. २.
देखें सूत्र संख्या ३२ देखें सूत्र संख्या ३२