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________________ नभचर जीव, अन्य विविध प्राणी] [१५ ८-क्षीरल--एक विशिष्ट जीव जो भुजाओं के सहारे चलता है, शरम्ब; सेह—सेही—जिसके शरीर पर बडे-बडे काले-सफेद रंग के कांटे होते हैं जो उसकी प्रात्मरक्षा में उपयोगी गोह; उंदर-चूहा, नकुल-नेवला-सर्प का सहज वैरी; शरट—गिरगिट-जो अपना रंग पलटने में समर्थ होता है, जाहक-कांटों से ढंका जीवविशेष-मुगु स-गिलहरी, खाड़ हिल-छछूदर, गिल्लोरी, वातोत्पत्तिका-लोकगम्य जन्तुविशेष, घिरोलिका-छिपकली, इत्यादि अनेक प्रकार के भुजपरिसर्प जीवों का वध करते हैं। विवेचन-परिसर्प जीव दो प्रकार के होते हैं-उरपरिसर्प और भुजपरिसर्प । सर्प और चूहे का सावधानी से निरीक्षण करने पर दोनों का अन्तर स्पष्ट प्रतीत होता है। प्रस्तुत पाठ में ऐसे जीवों का उल्लेख किया गया है, जो भुजाओं-अपने छोटे-छोटे पैरों से चलते हैं। उरपरिसों के ऐसा कोई अंग नहीं होता। वे रेंग-रेंग कर ही चलते हैं । नभचर जीव ९-कादंबक-बक-बलाका-सारस-पाडा-सेतीय-कुलल-वंजुल-पारिप्पव-कीर-सउण-दीविय-हंसधत्तरिट्ठग-भास - कुलीकोस-कुच - दगड-ढेणियालग-सुईमुह - कविल-पिंगलक्खग - कारंडग-चक्कवागउक्कोस-गरुल-पिंगुल-सुय-बरहिण-मयणसाल-गंदीमुह-णंदमाणग-कोरंग-भिगारग-कोणालग-जीवजीवगतित्तिर वट्टग-लावग-कपिजलग-कवोतग-पारेवग-चडग-दिक-कुक्कुड-वेसर-मयूरग - चउरग-हयपोंडरीयकरकरग-चोरल्ल-सेण-वायस-विहग-सेण-सिणचास-वग्गुलि-चम्मट्ठिल-विययपक्खी-समुग्गपक्खी खहयरविहाणाकए य एवमाई। ९-कादम्बक—विशेष प्रकार का हंस, बक-बगुला, बलाका-विषकण्ठिका-वकजातीय पक्षिविशेष, सारस, आडासेतीय-आड, कुलल, वंजुल, परिप्लव, कीर-तोता, शकुन-तीतुर, दीपिका--एक प्रकार की काली चिड़िया, हंस-श्वेत हंस, धार्तराष्ट्र-काले मुख एवं पैरों वाला हंसविशेष, भास-भासक, कुटीक्रोश,क्रौंच,दकतुडक -जलकूकड़ी. ढेलियाणक—जलचर पक्षी, शूचीमुखसुघरी, कपिल; पिंगलाक्ष, कारंडक, चक्रवाक-चकवा, उक्कोस, गरुड़, पिंगुल-लाल रंग का तोता, शुक-तोता, मयूर, मदनशालिका-मैना, नन्दीमुख, नन्दमानक-दो अंगुल प्रमाण शरीर वाला और र फदकने वाला विशिष्ट पक्षी', कोरंग, भगारक-भिगोडी, कुणालक, जीवजीवक-चातक, तित्तिर–तीतुर, वर्तक (वतख), लावक, कपिजल, कपोत-कबूतर, पारावत--विशिष्ट प्रकार का कपोत–परेवा, चटक-चिड़िया, डिंक, कुक्कुट-कुकड़ा-मुर्गा, वेसर, मयूरक-मयूर, चकोर, हृदपुण्डरीक-जलीय पक्षी, करक, चीरल्ल–चील, श्येन-बाज, वायस-काक, विहग---एक विशिष्ट जाति का पक्षी, श्वेत चास, वल्गुली, चमगादड़, विततपक्षी–अढाई द्वीप से बाहर का एक विशेष पक्षी, समुद्गपक्षी, इत्यादि पक्षियों की अनेकानेक जातियाँ हैं, हिंसक जीव इनकी हिंसा करते हैं। अन्य विविध प्राणी १०-जल-थल-खग-चारिणो उ पंचिदियपसुगणे बिय-तिय-चरिदिए विविहे जीवे पियजीविए मरणदुक्खपडिकूले वराए हणंति बहूसंकिलिट्टकम्मा । १. प्रश्नव्याकरणसूत्र-सैलाना-संस्करण ।
SR No.003450
Book TitleAgam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages359
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_prashnavyakaran
File Size25 MB
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