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________________ ७४ द्वीन्द्रिय जीवों के दुःख एकेन्द्रिय जीवों के दुःख मनुष्यभव के दुःख उपसंहार द्वितीय अध्ययन-मृषावाद मृषावाद का स्वरूप मृषावाद के नामान्तर मृषावादी मृषावादी-नास्तिकवादी का मत असद्भाववादी का मत . प्रजापति का सृष्टिसर्जन मृषावाद–यदृच्छावाद, स्वभाववाद, विधिवाद, नियतिवाद, पुरुषार्थवाद, कालवाद झूठा दोषारोपण करने वाले निन्दक लोभजन्य अनर्थकारी झूठ उभयघातक (असत्यवादी) पाप का परामर्श देने वाले हिंसक उपदेश-आदेश युद्धादि के उपदेश-प्रादेश मृषावाद का भयानक फल फल-विपाक की भयंकरता उपसंहार प्रध्ययन-अदत्तादान अदत्त का परिचय अदत्तादान के तीस नाम चौर्यकर्म के विविध प्रकार धन के लिए राजाओं का आक्रमण युद्ध के लिए शस्त्र-सज्जा युद्धस्थल की वीभत्सता वनवासी चोर समुद्री डाके ग्रामादि लूटने वाले चोर को बन्दीगृह में होने वाले दुःख चोर को दिया जाने वाला दंड चोरों को दी जाती हुई भीषण यातनाएँ पाप और दुर्गति की परम्परा :०० Gm<W ९८ १०२ १०४ [ ३२ ]
SR No.003450
Book TitleAgam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages359
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_prashnavyakaran
File Size25 MB
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