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________________ नंदा नंदि १४३ mr " २४८ विशिष्ट मन्दों एवं नामों का कोश [२९१ समृद्धिदायक, अहिंसा का परभवसंका- परभवसंक्रामकारक, हिंसा २४ वां नाम १६१ मकारो का १८ वां नाम वाद्यविशेष २५३ परसु फरसा ३७, ८९ पइभय प्रतिभय २९ परहड चोरी का दूसरा नाम पइल्ल श्लीपद-फीलपांव २५५ परा तृणविशेष २०८ पउम पद्म-कमल, पद्मव्यूह ३५, ८६ परिग्गहो परिग्रह का पहला नाम पउमावई पद्मावती रानी १३७ परिचारगा व्यभिचार में सहायक पएणीयारा विशेष रूप से हिरनियों को परिजण परिजन मारने के लिये फिरने वाले २४ परिट्रावणिया- मल-मूत्र आदि परठने की पक्कणिय पक्कणिक देश २५ समित समिति से युक्त पच्चक्खाणं प्रत्याख्यान ५५ परितावण- परितापन आस्रव, हिंसा का पच्छाय ढंकने का वस्त्र २४७ अण्हरो २६ वां नाम पज्जत्त पर्याप्त--पर्याप्ति की पूर्णता परियार तलवार की म्यान वाले जीव २६ परीसह परिषह-कष्ट पट्टण पाटन ९३ पल्लल पल्वल-छोटा तालाब पट्टिस प्रहरणविशेष ८९ पलाल पलाल--पोपाल पडगार जुलाहा ५३ पलिग्रोवम उपमाकालविशेष पडिग्गहो पात्र २४७ पलित्त प्रदीप्त पढिबंधो प्रतिबन्ध–बाह्य पदार्थों में पलिय सफेद बाल १३२ स्नेहबन्ध होना, पवक उछलने कूदनेवाला परिग्रह का १२वां नाम १४३ पवयण प्रवचन पडिलेहण प्रतिलेखना २४७ पव्वक वाद्यविशेष पडिसीसग कृत्रिम शिर ७५ पवा प्याऊ पडिसुत्रा प्रतिध्वनि ३५ पवित्ता पवित्रा, अहिंसा का पणव वाद्यविशेष २५३ ५५ वां नाम पण्हव पह्नव देश पवित्थरो धन का विस्तार, पतरक भूषणविशेष २५३ परिग्रह का २०वां नाम १४३ पत्तेयसरीर प्रत्येक शरीर, ऐसे जीव जिनके पव्वीसग वाद्यविशेष ११७ एक शरीर का स्वामी एक पसय दो खुर वाला जानवर ही हो २० पहरण शस्त्र पभासा प्रभासा-अतिशय दीप्ति वाली, पहाण प्रधान १३२ अहिंसा का ५७ वां नाम १६२ पहेरक भूषणविशेष पमया प्रमदा-स्त्री १३२ पाइक्क पैदल पमोग्रो प्रमोद, अहिंसा का २३वां नाम १६१ पागार पयावई प्रजापति ६२ पाठोण एक जाति का मत्स्य परदार परस्त्री १३५ पाणवहो प्राणवध, हिंसा का पहला नाम ९ یہ سو ا س م २०८ २५५ २५३ २५ २२ २५३ कोट mr
SR No.003450
Book TitleAgam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages359
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_prashnavyakaran
File Size25 MB
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