________________
.....
१५२
८८
द्वितीय अध्ययन : सुकाली ___ सुकाली का कनकावली तप
१४७ तृतीय अध्ययन : महाकाली का लघुसिंहनिष्क्रीडित तप.........
१४९ चतुर्थ अध्ययन : कृष्णा
__ कृष्णा देवी का महासिंहनिष्क्रीडित तप पंचम अध्ययन : सुकृष्णा सुकृष्णा का भिक्षुप्रतिमा-आराधन
१५३ षष्ठ अध्ययन : महाकृष्णा
महाकृष्णा का लघुसर्वतोभद्र तप सप्तम अध्ययन : वीरकृष्णा वीरकृष्णा का महत्सर्वतोभद्र तप
- १६० अष्टम अध्ययन : रामकृष्णा
रामकृष्णा का भद्रोत्तरप्रतिमा तप नवम अध्ययन : पितृसेनकृष्णा
पितृसेनकृष्णा का मुक्तावली तप दशम अध्ययन : महासेनकृष्णा महासेनकृष्णा का आयंबिल-वर्द्धमान तप
१६८ निक्षेपः उपसंहार
परिशिष्ट-१ आगम में वर्णित विशेष नाम
१७२-१७६ तीर्थंकर , 'जहा' शब्द से गृहीत व्यक्ति, आगम विशेष, प्रयुक्त व्यक्ति विशेष-मुनि आदि, देव विशेष, क्षत्रियवर्ण के व्यक्ति, वैश्य-वर्ण के व्यक्ति, ब्राह्मण वर्ण के व्यक्ति, शूद्रवर्ण के व्यक्ति, मंडली, पशु, तप, स्वप्न, नगरी, द्वीप, यक्षायतन, उद्यान, पर्वत, वृक्ष, पुष्प-लतादि, धातुविशेष, भवन विशेष, बन्धन, वस्तु, यान, अलंकार, पक्वान्न, ग्रह, मणिरत्नादि, क्षेत्र।
परिशिष्ट-२ व्यक्ति परिचय
१७७-१८३ . इन्द्रभूति गौतम, कृष्ण, कोणिक, चेल्लणा, जम्बूस्वामी, जमालि, जितशत्रु, धारिणी, महाबलकुमार, मेघकुमार,
स्कन्दकमुनि, सुधर्मास्वामी, श्रेणिक राजा। भौगोलिक परिचय
१८३-१९६ काकंदी, गुणशील, चम्पा, जम्बूद्वीप, द्वारका, दूतिपलाश चैत्य, पूर्णभद्र चैत्य, भद्दिलपुर, भरतक्षेत्र, राजगृह, रैवतक, विपुलगिरि पर्वत, सहस्राम्रवन उद्यान, साकेत, श्रावस्ती।
१७०
[३६]