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पच्चीसवां शतक : उद्देशक-४]
[३७१ अन्तर दोनों की प्ररूपणा की गई है। सर्व-देशकम्पक-निष्कम्पक परमाणु से अनन्तप्रदेशी स्कन्धों का अल्पबहुत्व
२४१. एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं सव्वेयाणं निरेयाण य कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा ?
गोयमा ! सव्वत्थोवा परमाणुपोग्गला सव्वेया, निरेया असंखेजगुणा। __ [२४१ प्र.] भगवन् ! इन (पूर्वोक्त) सर्वकम्पक और निष्कम्पक परमाणु-पुद्गलों में कौन किनसे यावत् विशेषाधिक हैं ?
[२४१ उ.] गौतम ! सबसे थोड़े सर्वकम्पक परमाणु-पुद्गल होते हैं। उनसे निष्कम्पक परमाणुपुद्गल असंख्यातगुणे हैं।
२४२. एएसि णं भंते ! दुपएसियाणं खंधाणं देसेयाणं सव्वेयाणं निरेयाण य कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा ? .
गोयमा ! सव्वत्थोवा दुपएसिया खंधा सव्वेया, देसेया असंखेजगुणा, निरेया असंखेजगुणा।
[२४२ प्र.] भगवन् ! देशकम्पक, सर्वकम्पक और निष्कम्पक द्विप्रदेशी स्कन्धों में कौन किनसे यावत् विशेषाधिक हैं ?
[ २४२ उ.] गौतम ! सबसे थोड़े सर्वकम्पक द्विप्रदेशी स्कन्ध हैं, उनसे देशकम्पक और उनसे निष्कम्पक द्विप्रदेशी स्कन्ध उत्तरोत्तर क्रमशः असंख्यात-असंख्यातगुण हैं।
२४३. एवं जाव असंखेजपएसियाणं खंधाणं। [२४३] इसी प्रकार यावत् असंख्यात-प्रदेशी स्कन्धों तक अल्पबहुत्व के विषय में जानना चाहिए।
२४४. एएसिणं भंते ! अणंतपएसियाणं खंधाणं देसेयाणं सव्वेयाणं निरेयाण य कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा:
गोयमा ! सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा सव्वेया निरेया अणंतगुणा, देसेया अणंतगुणा। __ [२४४ प्र.] भगवन् ! देशकम्पक, सर्वकम्पक और निष्कम्पक अनन्तप्रदेशी स्कन्धों में कौन किनसे यावत् विशेषाधिक हैं ?
[२४४ उ.] गौतम ! सबसे थोड़े सर्वकम्पक अनन्तप्रदेशी स्कन्ध हैं। उनसे निष्कम्पक अनन्तप्रदेशी स्कन्ध अनन्तगुण हैं और देशकम्पक अनन्तप्रदेशी स्कन्ध अनन्तगुण हैं।
विवेचन निष्कर्ष-सर्वकम्पक परमाणु-पुद्गल सबसे अल्प हैं, उनसे निष्कम्पक परमाणु-पुद्गल असंख्यातगुण हैं। द्विप्रदेशी स्कन्धों से असंख्यातप्रदेशी स्कन्धों तक में सर्वकम्पक सबसे अल्प हैं, उनसे १. वियाहपण्णत्तिसुत्तं, भाग २ (मूलपाठ-टिप्पणयुक्त), पृ. १००८-९