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[ व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र
सुक्किल० ४; लोहिय- हालिद्द - सुक्किलगाणं भंगा ४; एवं एए दस तियगसंजोगा, एक्केक्के संजोए चत्तारि भंगा, सव्वेते चत्तालीसं भंगा ४० । जति चउवण्णे — सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य १; सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, सुक्किलिए य २; सिय कालए य, नीलए य, हालिए य, सुक्किलए य ३; सिय कालए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य ४; सिय नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य; एवमेते चउक्कगसंयोए पंच भंगा। एए सव्वे नउइभंगा। जदि एगगंधे - सिय सुब्भगंधे १, सिय-दुब्भिगंधे २ । जदि दुगंधे - सिय सुब्भिगंधे य सिय दुब्भगंधे य
रसा जहा वण्णा ।
जइ दुफासे—जहेव परमाणुपोग्गले ४ । जई तिफासे- सव्वे सीते, देसे निद्धे, देसे लुक्खे १; सव्वे सीए, देसे निद्धे, देसा लुक्खा २; सव्वे सीए, देसा निद्धा, देसे लुक्खे ३; सव्वे सीए, देसा निद्धा देसा लुक्खा ४। सव्वे उसिणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे एवं भंगा ४ । सव्वे निद्धे, देसे सीए, देसे उसिणे ४। सव्वे लुक्खे, देसे सीए, देसे उसिणे ४ । एए तिफासे सोलसभंगा। जति चउफासे — देसे सीए, देसे उसिणे, देसे निद्धा, देसे लुक्खे १; देसे सीए, उसिणे, देसे निद्धे, देसा लुक्खा २; देसे सीए, देसे उसिणे, देसा निद्धा, देसे लुक्खे ३; देसे सीए, देसे उसिणे, देसा निद्धा, देसा लुक्खा ४; देसे सीए, देसा उसिणा, देसे निद्धे, देसे लुक्खे ५; देसे सीए, देसा उसिणा, देसे निद्धे, देसा लुक्खा ६; देसे सीए, देसा उसिणा, देसा निद्धा, देसे लुक्खे ७; देसे सीए, देसा उसिणा, देसा निद्धा, देसा लुक्खा ८ । देसा सीया, देसे उसणे, देसे निद्धे, देसे लुक्खे ९– - एवं एए चउफासे सोलस भंगा भाणियव्वा जाव देसा सीया, देया उसिणा, देसा निद्धा, देसा लुक्खा । सव्वेते फासेसु छत्तीसं भंगा।
[४ प्र.] भगवन् ! चतुःप्रदेशी स्कन्ध कितने वर्ण वाला होता है ? इत्यादि प्रश्न ।
[४ उ.] गौतम ! अठारहवें शतक के छठे उद्देशकवत् 'वह कदाचित् चार स्पर्श वाला है', तक कहना चाहिए ।
यदि वह एक वर्ण वाला होता है तो कदाचित् काला, यावत् श्वेत होता है । जब दो वर्ण वाला होता है, तो (१) कदाचित् उसका एक अंश काला और एक अंश नीला होता है, (२) कदाचित् एकदेश काला और अनेकदेश नीले होते हैं, (३) कदाचित् अनेकदेश काले और एकदेश नीला होता है, (४) कदाचित् अनेकदेश काले और अनेकदेश नीले होते हैं । (५-८) अथवा कदाचित् एकदेश काला और एकदेश लाल होता है; यहाँ भी पूर्ववत् चार भंग कहने चाहिए। (९-१२) अथवा कदाचित् एकदेश काला और एकदेश पीला; इत्यादि पूर्ववत् चार भंग कहने चाहिए। इसी तरह (१३ - १६) अथवा कदाचित् एक अंश काला और एक अंश श्वेत, इत्यादि पूर्ववत् चार भंग कहने चाहिए। ( १७-२०) अथवा कदाचित् एक अंश नीला और एक अंश लाल आदि पूर्ववत् चार भंग । (२१-२४) कदाचित् नीला और पीला के पूर्ववत् चार भंग। (२५-२८) कदाचित् नीला और श्वेत के पूर्ववत् चार भंग। फिर (२९-३२) कदाचित् लाल और पीला के पूर्ववत् चार भंग । ( ३३३६) कदाचित् लाल और श्वेत के पूर्ववत् चार भंग । इसी प्रकार ( ३७-४०) अथवा कदाचित् पीला और श्वेत