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जिनागम - ग्रन्थमाला : ग्रन्थाङ्क २२
ॐ अर्ह
[ परमश्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्रीजोरावरमलजी महाराज की पुण्य स्मृति में आयोजित ]
पंचम गणधर भगवत्सुधर्म - स्वामि-प्रणीत पञ्चम अंग
व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र
[ भगवतीसूत्र - तृतीय खण्ड, शतक ११-१९]
[ मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, टिप्पण युक्त ]
प्रेरणा +
उपप्रवर्त्तक शासनसेवी स्व. स्वामी श्री व्रजलालजी महाराज
आद्यसंयोजक तथा प्रधान सम्पादक :
स्व० युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर'
अनुवादक - विवेचक - सम्पादक
श्री अमर मुनिजी [ भण्डारी श्री पदमचन्दजी म. के सुशिष्य ] श्रीचन्द सुराणा 'सरस'
प्रकाशक +
श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राजस्थान )