SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 367
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अट्ठमो उद्देसओ : 'पडीणीए' __ अष्टम उद्देशक : 'प्रत्यनीक' गुरु-गति-समूह-अनुकम्पा-श्रुत-भाव-प्रत्यनीकभेद-प्ररूपणा. १. रायगिहे नयरे जाव एवं वयासी [१] राजगृह नगर में (गौतम स्वामी ने) यावत् (श्रमण भगवान् महावीर स्वामी से) इस प्रकार पूछा २. गुरु णं भंते ! पडुच्च कति पडिणीया पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णत्ता,तं जहा-आयरियपडिणीए उवज्झयपडिणीए थेरेपडिणीए। [२ प्र.] भगवन् ! गुरुदेव की अपेक्षा कितने प्रत्यनीक (द्वेषी या विरोधी) कहे गए हैं ? [२ उ.] गौतम ! तीन प्रत्यनीक कहे गए हैं, वे इस प्रकार (१) आचार्य प्रत्यनीक, (२) उपाध्याय प्रत्यनीक और (३) स्थविर प्रत्यनीक। ३. गई णं भंते ! पडुच्च कति पडिणीया पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णत्ता, तं जहा—इहलोगपडिणीए परलोगपडिणीए दुहओलोगपडिणीए। [३ प्र.] भगवन् ! गति की अपेक्षा कितने प्रत्यनीक कहे गए हैं ? [३ उ.] गौतम ! तीन प्रत्यनीक कहे गए हैं। वे इस प्रकार—(१) इहलोकप्रत्यनीक, (२) परलोकप्रत्यनीक और (३) उभयलोकप्रत्यनीक। ४. समूहं णं भंते ! पडुच्च कति पडिणीया पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णत्ता, तं जहा–कुलपडिणीए गणपडिणीए संघपडिणीए। . [४ प्र.] भगवन् ! समूह (श्रमणसंघ) की अपेक्षा कितने प्रत्यनीक क गए हैं ? [४ उ.] गौतम ! तीन प्रत्यनीक कहे गए हैं। वे इस प्रकार—(१) कुलप्रत्यनीक, (२) गणप्रत्यनीक और (३) संघप्रत्यनीक। ५. अणुकंपं पडुच्च० पुच्छा। गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णत्ता, तं जहा—तवस्सिपडिणीए गिलाणपडिणीए सेहपडिणीएं। [५ प्र.] भगवन् ! अनुकम्प्य (साधुओं) की अपेक्षा कितने प्रत्यनीक कहे गए हैं ?
SR No.003443
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 02 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1983
Total Pages669
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_bhagwati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy