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ॐ अर्ह
जिनागम-ग्रन्थमाला : ग्रन्थाङ्क१८
[परमश्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमलजी महाराज की पुण्य-स्मृति में आयोजित]
पंचम गणधर भगवत्सुधर्मास्वामी-प्रणीत : पञ्चम अंग
व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र
[भगवतीसूत्र-द्वितीयखण्ड, शतक ६-१०] [ मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, टिप्पण युक्त]
प्रेरणा उपप्रवर्तक शासनसेवी स्वः स्वामी श्री व्रजलालजी महाराज
आद्य संयोजक तथा प्रधान सम्पादक * स्व० युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर'
अनुवादक-विवेचक-सम्पादक
श्री अमर मुनिजी [भण्डारी श्री पदमचन्दजी म. सा. के सुशिष्य]
श्रीचन्द सुराणा 'सरस'
प्रकाशक श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राजस्थान)