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श्री सेठ अनराजजी चोरडिया
जीवन परिचय
[प्रथम संस्करण से] आगमप्रकाशन के इस परम पावन प्रयास में नोखा (चांदावतों) के बृहत् चोरड़िया-परिवार के विशिष्ट योगदान के विषय में पूर्व में भी लिखा जा चुका है। वास्तव में यह योगदान इतना महत्त्वपूर्ण है कि इसकी जितनी प्रशस्ति की जाए, थोड़ी ही है। श्री व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र, जो अंगभूत आगमों में परिगणित है, श्री अनराजजी सा. चोरड़िया के विशेष अर्थ-साहय्य से प्रकाशित हो रहा है।
श्री चोरड़िया जी का जन्म वि.सं. १९८१ में नोखा में हुआ। आप श्रीमान् जोरावरमलजी सा. के सुपुत्र है। आपकी माता श्रीमती फूलकुंवर बाई है। श्रीमान् हरकचन्दजी, दुलीचन्दजी और हुक्मीचन्दजी आपके भ्राता हैं। आप जैसे आर्थिक समृद्धि से सम्पन्न हैं, उसी प्रकार पारिवारिक समृद्धि के भी धनी हैं । आपके प्रथम सुपुत्र श्री पृथ्वीराज के राजेन्द्रकुमार और दिनेशकुमार नामक दो पुत्र हैं और द्वितीय पुत्र श्री सुमेरचन्दंजी के भी सुरेन्द्रकुमार तथा नरेन्द्रकुमार नाम के दो पुत्र हैं । आपकी दो सुपुत्रियाँ हैं-श्रीमती गुलाबकुंवर बाई एवं श्रीमती प्रेमलता बाई। दोनों विवाहित हैं।
चोरडियाजी ने १५ वर्ष की लघुवय में ही व्यावसायिक क्षेत्र में प्रवेश किया और अपनी प्रतिभा तथा अध्यवसाय से प्रशंसनीय सफलता अर्जित की। आज आप मद्रास में जे. अनराज चोरडिया फाइनेंसियर के नाम से विख्यात पेढी के अधिपति हैं।
आर्थिक समृद्धि की वृद्धि के साथ-साथ सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में भी आपकी गहरी अभिरुचि है। यही कारण है कि अनेक शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के साथ आप जुड़े हुए हैं और उनके सुचारू संचालन में अपना योग दे रहें हैं। निम्नलिखित संस्थाओं के साथ आपका सम्बंध हैजैनभवन, मद्रास
भूतपूर्व मंत्री एस.एस. जैन एजुकेशनल सोसाइटी, मद्रास
सदस्य कार्यकारिणी स्वामीजी श्री हजारीमलजी म. जैन ट्रस्ट, नोखा
ट्रस्टी भगवान् महावीर अहिंसा प्रचार संघ
- संरक्षक श्री राजस्थानी श्वे. स्था. जैन सेवासंघ
संरक्षक श्री श्वे. स्था. जैन महिला विद्यासंघ
भू.पू. अध्यक्ष, मंत्री एवं कोषाध्यक्ष श्री आनन्द फाउंडेशन
सदस्य हार्दिक कामना है कि श्री चोरडिया परिवार चिरजीवी हों और समाज, साहित्य एवं धर्म के अभ्युदय में अपना योग प्रदान करते रहें।
मन्त्री श्री आगम-प्रकाशन समिति, ब्यावर [८]