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दसमो उद्देसओ : चलणाओ
दशम उद्देशक : चलना चलमान चलित आदि से सम्बन्धित अन्यतीर्थिकमत निराकरणपूर्वक स्वसिद्धान्त निरूपण
१. अन्नउत्थिया णं भंते! एवमाइक्खंति जाव एवं परूवेंति"एवं खलु चलमाणे अचलिते जाव निजरिज्जमाणे अणिज्जिण्णे। दो परमाणुपोग्गला एगयओ न साहन्नंन्ति। कम्हा दो परमाणु-पोग्गला एगयतो न साहन्नति ?"
दोण्हं परमाणुपोग्गलाणं नत्थि सिणेहकाए तम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओ न साहन्नंति। तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति, कम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति ?
तिण्हं परमाणुपोग्गलाणं अत्थि सिणेहकाए तम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नति। ते भिज्जमाणा दुहा वि तिहा वि कजंति, दुहा कज्जमाणा एगयओ दिवढे परमाणुपोग्गले भवति, एगयओ वि दिवड्ढे परमाणुपोग्गले भवति; तिहा कज्जमाणा तिण्णि परमाणुपोग्गला भवंति, एवं जाव चत्तारि, पंच परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति, एगयओ साहन्नित्ता दुक्खत्ताए कन्जंति, दुक्खे वि य णं से सासते सया समितं चिजति य अवचिजति य। पुव्विं भासा भासा, भासिज्जमाणी भासा अभासा, भासासमयवीतिक्कंतं च णं भासिया भासा भासा; सा किं भासओ भासा ? अभासओ भासा ?
अभासओ णं सा भासा, नो खलु सा भासओ भासा।
पुव्विं किरिया दुक्खा, कज्जमाणी किरिया अदुक्खा, किरियासमयवीतिक्कंतं णं कडा किरिया दुक्खा; जा सा पुट्विं किरिया दुक्खा, कज्जमाणी किरिया अदुक्खा, किरियासमयवइक्कंतं च णं कडा किरिया दुक्खा, सा किं करणतो दुक्खा अकरणतो दुक्खा ?
अकरणाओ णं सा दुक्खा, णो खलु सा करणतो दुक्खा, सेवं वत्तव्वं सिया।
अकिच्चं दुक्खं, अफुसं दुक्खं, अकज्जमाणकडं दुक्खं अकटु अकटु पाणभूत-जीव-सत्ता वेदणं वेदेंतीति वत्तव्वं सिया।" से कहमेयं भंते! एवं ?
__ गोयमा! जं णं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्खंति जाव वेदणं वेदेंतीति वत्तव्वं सिया, जे ते एवमाहंमु मिच्छा ते एवमाहंसु। अहं पुण गोतमा! एवमाइक्खामि एवं खलु चलमाणे चलिते जाव निजरिज्जमाणे निज्जिण्णे। दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति। कम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नति ? दोण्हं परमाणुपोग्गलाणं अत्थि सिणहेकाए, तम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नति, ते भिज्जमाणा दुहा कज्जंति, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ परमाणु पोग्गलेभवति।
तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति, कम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नति ?