________________
जिनागम-ग्रन्थमाला : ग्रन्थाङ्क – १४
ॐ अर्ह
[ परमश्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमलजी महाराज की पुण्यस्मृति में आयोजित ]
पंचम गणधर भगवत्सुधर्म - स्वामि-प्रणीत पंचम अंग
व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र
[ भगवतीसूत्र - प्रथम खण्ड ]
[ मूल पाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, परिशिष्ट युक्त ]
प्रेरणा
(स्व.) उपप्रवर्तक शासनसेवी स्वामी श्री ब्रजलालजी महाराज
आद्य संयोजक तथा प्रधान सम्पादक
(स्व.) युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर'
सम्पादक - विवेचक - अनुवादक श्री अमर मुनि
[ भण्डारी श्री पदमचन्दजी महाराज के सुशिष्य ] श्रीचन्द सुराणा 'सरस'
प्रकाशक
श्री आगमप्रकाशन समिति, ब्यावर (राजस्थान )