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________________ पृष्ठ २६९ २७१ २७३ २७३ २७४ २७६ २७६ २७९ २८१ २८५ २८७ २८८ २९५ [२१ ] सूत्रांक ५९६-५९८ अनेषणीय पात्र-ग्रहण निषेध ५९९-६०० पात्र-प्रतिलेखन विधान ६०१ पात्रैषणा-विवेक के साधुता की समग्रता द्वितीय उद्देशक ६०२ पात्र बीजादि युक्त होने पर ग्रहण-विधि ६०३-६०४ सचित्त संसृष्ट पात्र को सुखाने की विधि ६०५ विहार-समय पात्र विषयक विधि-निषेध ६०६ पात्रैषणा-विवेक से साधुता की समग्रता अवग्रह प्रतिमाः सप्तम अध्ययन (२ उद्देशक) पृष्ठ २७७ से २९९ प्रथम उद्देशक ६०७ अवग्रह-ग्रहण की अनिवार्यता ६०८-६११ अवग्रह-याचना : विविध रूप ६१२-६१९ अवग्रह-वजित स्थान अवग्रह अनुज्ञा-ग्रहण-विवेक से साधुता की समग्रता द्वितीय उद्देशक ६२१-६३२ आम्रवन आदि में अवग्रह विधि-निषेध ६३३-६३४ अवग्रह-ग्रहण में सात प्रतिमा ६३५ पंचविध अवग्रह ६३६ ज्ञानादि आचारों और समितियों सहित साधु सदा प्रयत्नशील रहे द्वितीय चूलाः सप्त सप्तिका (७ अध्ययन) । स्थान-सप्तिका: अष्टम अध्ययन ६३७ अण्डादि युक्त स्थान-ग्रहण-निषेध ६३८-६३९ चार स्थान प्रतिमा ६४० स्थानैषणा : साधुता का आचार-सर्वस्व निषीधिका-सप्तिका: नवम अध्ययन ६४१-६४२ निषीधिका-विवेक ६४३ निषीधिका में अकरणीय कार्य निषीधिका का उपयोग-विवेक, साधुता का आचार सर्वस्व उच्चार-प्रस्रवण सप्तिकाः दशम अध्ययन उच्चार-प्रस्रवण विवेक ६४६-६६७ मल-मूत्र-विसर्जन कैसे स्थण्डिल पर करे, कैसे पर नहीं करे ६६८ उच्चार-प्रस्रवण व्युत्सर्गार्थ स्थण्डिल-विवेक साध्वाचार का सर्वस्व शब्द-सप्तिकाः एकादश अध्ययन ६६९-६७२ वाद्यादि शब्द-श्रवण-उत्कंठा-निषेध ६७३-६७९ विविध स्थानों में शब्देन्द्रिय संयम ६८०-६८६ मनोरंजन स्थलों में शब्दश्रवणोत्सुकता-निषेध ६८७-६८८ शब्दश्रवण में आसक्ति आदि का निषेध २९८ २९९ ३०१ ३०३ ३०५ ३०७ ३०९ ६४४ ३०९ ६४५ ३११ ३१२ ३२५ ३२८ ३३१ ३३३ ३३७
SR No.003437
Book TitleAgam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Part 02 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1990
Total Pages510
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_acharang
File Size10 MB
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