________________
जिनागम-ग्रन्थमाला : ग्रन्थांक- २
ॐ अर्हं
[ परम श्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमलजी महाराज की पुण्यस्मृति में आयोजित ]
पंचम गणधर भगवत् सुधर्मस्वामि-प्रणीत : प्रथम अङ्ग
आचारांगसूत्र
[ द्वितीय श्रुतस्कंध : आचार-चूला ]
[ मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद-विवेचन- टिप्पण-परिशिष्ट युक्त ]
प्रेरणा
उपप्रवर्तक शासनसेवी स्व. स्वामी श्री ब्रजलालजी महाराज
आद्य संयोजक तथा प्रधान सम्पादक (स्व.) युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर'
अनुवादक - विवेचक
'श्रीचन्द सुराणा 'सरस'
प्रकाशक
श्री आगमप्रकाशन समिति, ब्यावर (राजस्थान )
O
N
●