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जिनागम-ग्रन्थमाला : ग्रन्थांक - १
ॐ अर्ह
[ परम श्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमलजी महाराज की पुण्यस्मृति में आयोजित ]
पंचम गणधर भगवत् सुधर्मस्वामि-प्रणीत : प्रथम अङ्ग
आचारांगसूत्र
[ प्रथम श्रुतस्कन्ध ]
[ मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद - विवेचन - टिप्पण - परिशिष्ट युक्त ]
प्रेरणा
उपप्रवर्तक शासनसेवी स्व. स्वामी श्री ब्रजलालजी महाराज
आद्य संयोजक तथा प्रधान सम्पादक
(स्व.) युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर'
सम्पादक-विवेचक
श्रीचन्द सुराणा 'सरस'
मुख्य सम्पादक
पं. शोभाचन्द्र भारिल्ल
प्रकाशक
श्री आगमप्रकाशन समिति, ब्यावर (राजस्थान)
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