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________________ सञ्चालकीय वक्तव्य नूतन भारत के मानचित्र में पश्चिमोत्तर विभाग वाले कोण में राजस्थान के नाम से जो विशाल भूखण्ड अङ्कित है और क्षेत्रफल की दृष्टि से नवीन भारत के १५ महा-जनपदों में जिसको द्वितीय स्थान प्राप्त है, उस विशाल एवं महान् राजस्थान के भव्य नाम का प्राद्यनिर्माता और उसके जानपदीय गौरव को संसार के सम्मुख प्रथमत: सुप्रसिद्ध करने वाला स्वर्गीय कर्नल जेम्स टॉड था। वह केवल राजस्थान की सन्तानों के लिए ही नहीं अपितु सारे भारत की प्राणवान संतानों के लिए सदा स्मरणीय और पुण्यश्लोक महान् ग्रन्थकार तथा परम हितैषी नर-पुङ्गव के रूप में ज्ञात एवं उल्लिखित होता रहेगा । स्वतन्त्र भारत को राजस्थान नामक नूतन महा-जनपद की कल्पना देने का श्रेय कर्नल जेम्स टॉड को है। उसी ने विश्व के इतिहास-विषयक समग्र वाङमय के असंख्य ग्रन्थ रत्नों के पुंज में, सर्वप्रथम राजस्थान के नाम से अंकित और उसके अतीत के इतिवृत्त से अलंकृत, एक अपूर्व और अकल्पित ग्रन्थरत्न को समर्पित किया है । देश या प्रदेश को लक्ष्य कर राजस्थान नाम का प्रयोग हमारे भारतीय वाङमय में कहीं नहीं हा। राज्य का स्थान, (जो राजस्थानी भाषा में रायथान या रायठाण बोला जाता है) ऐसा अभिप्रेतार्थ वाला शब्द प्रयोग तो हमारे साहित्य में यत्र तत्र मिलता है, परन्तु किसी देश विशेष या राज्य विशेष का वैसा नाम कहीं नहीं है। राजस्थान नामक आधुनिक महा-जनपद के अन्तर्गत मेवाड़, मारवाड़, भिल्लमाल, सपादलक्ष, जांगल और मत्स्य आदि प्राचीन देशों तथा राज्यों का समावेश हो गया है । ये देश बहुत प्राचीनकाल से इतिहास में अपना महत्व का स्थान रखते आये हैं। ये सभी देश भिन्न-भिन्न राजवंशों, राजाओं और राज्यों के स्थान कहलाते थे। कर्नल टांड Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003433
Book TitlePaschimi Bharat ki Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJames Taud, Gopalnarayan Bahura
PublisherRajasthan Puratan Granthmala
Publication Year1996
Total Pages712
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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