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________________ प्रकरण - १८; लेखक द्वारा देखे हुए विविध वृश्य [ ४०६ (Mont Blanc)' के सन्निकट पुंजीभूत 'सहस्राब्दीय शरत्' में होकर निकला हूँ; अर्द्धरात्रि के समय निष्कलङ्क चाँदनी में कॉलीजिअन' की भग्न मेहराबों को एकटक देखता रहा हूँ एवं सिरॉको' और शोक के बीच ज्वरसंतप्त होकर, मानों अन्धकारपूर्ण नाव में झकझोले खाते हुए, वेनिस (Venies) की दयनीय स्थिति पर भी मैंने विचार किया है और कामना की है कि इन्द्र (Jove) का गर्जन यहाँ के महलों पर अड्डा जमाए हुए नीच-जन्मा गिद्धों को नष्ट कर दे; मैं पीस्टम (Paestumn) के खण्डहरों में जंगली, निःशंक कैलेब्रियनों के बीच में भी बैठा हूँ; इनके अतिरिक्त, जिनको दिल दहलाने वाले दृश्य कह सकते हैं उनको भी अच्छी तरह देख चुका हूँ; परन्तु, कहीं भी मेरे मन में ऐसे भाव उत्पन्न नहीं हुए जिनको अनुभूति मुझे सप्तशिखर गिरनार पर गोरखमन्दिर के आगे एकाकी फिरंगी की उपस्थिति में अत्यधिक मदपान से मदहोश और लम्बे-लम्बे श्वास लेने वाले अर्द्धविक्षिप्त अघोरी को देख कर हुई; जब देवकूट के ऊबड़खाबड़ शिखर पर रात्रि की छाया मेरे चारों ओर चुपचाप सिमटीमा रही थी, सूर्य की अन्तिम किरणें सागर को आलोकित कर रही थीं और अस्तप्राय प्रकाश के गौरव पर चुप-चापी का साम्राज्य छा रहा था, तब भी ऐसी ही हलचल मेरे मन पर छा गई थी। इन दृश्यो से तुलना करने योग्य एक मात्र दुश्य वही हो सकता है जो मैंने मॉण्ट सेनिस (Mont Cenis) से उतरते हुए जाड़ों के मध्य अर्द्धरात्रि के समय देखा था-उस समय चोटो से लेकर कई फीट गहरी घाटी तक वह पहाड़ बर्फ से ढका हुआ था और उसकी रूपहरी सतह शुभ्र चाँदनी में नहा कर चमक उठी थी-उस चाँदनी में धुंधले देवदारु-वृक्ष-समूहों को लम्बी-लम्बो छाया 'पाल्प्स पर्वत का सर्वोच्च शिखर जो फ्रांस और इटली के मध्य में है और १५७६१ फीट ऊँचा है। २ रोम का सबसे बड़ा रङ्गाङ्गण। यह ८० ई० में बन कर तैयार हुमा था। इसमें ५०,००० मनुष्य बैठ कर खेल देख सकते थे। इस में हुए अनेक खङ्ग-युद्धों में बहुत से क्रिश्चियन बलिदान हो गए थे। ३ मध्यसागर के उत्तरी मैदानों में चलने वाली गर्म और सूखी हवाएं। ४ Paestum (पीस्टम) नामक प्राचीन ग्रीक नगर का पहले पोसीडोनिया (Poseidonia) नाम था। यह नगर ई० पू० ६०० में बसा था। स्ट्राबो और हरॉडोटस के लेखों में भी इसका विवरण मिलता है । रोमन कविताओं में यहां के प्रसिद्ध गुलाब का उल्लेख खूब हुआ है । अब भी इसके अवशेष मिलते हैं, जिनमें नेपच्यून का मन्दिर सुप्रसिद्ध है। ५ इटली का सुदूर दक्षिणी प्रान्त कैलेंबिया (Calabria) कहलाता है । वहाँ के निवासियो से तात्पर्य है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003433
Book TitlePaschimi Bharat ki Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJames Taud, Gopalnarayan Bahura
PublisherRajasthan Puratan Granthmala
Publication Year1996
Total Pages712
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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