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इस पवित्र भूमि पर ऐसे यात्री आवें,
और इन जादू भरे खण्डहरों में वे शान्ति के साथ घूम जावें, परन्तु इन अवशेषों को छेड़ें नहीं, किसी भी मनचले के हाथ दृश्यों को बिगाड़े नहीं; हाय, वे पहले ही कितने बिगड़ चुके हैं ! ये वेदियां ऐसे कार्यों के लिए नहीं बनी थीं,
राष्ट्रों (जातियों) ने कभी जिन पर श्रद्धा प्रकट की थी,
उन पर श्रद्धा प्रदर्शित करो,
जिससे कि हमारे देश का नाम कलंकित न हो ।
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पश्चिमी भारत की यात्रा
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