SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 149
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३६ ] 'पश्चिमी भारत की यात्रा और प्लूटार्क (Plutarch)' के पृष्ठ उलटने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि विश्व के आधुनिकतम इतिहास में मी अतलान्त महासागर के कुछ द्वीपों में रहने वाली और ऐसी ही अफ्रीकी व अमरीकी जातियों के बहुत से उदाहरण मिलते हैं, यथा मॅगेलन' (Magellan) द्वारा १५२१ ई० में अन्वेषित मॅराइन (Marian) द्वीप, जहां के निवासी अग्नि को एक जानवर समझते थे, जो लकड़ी और जंगलों को खा जाता था और जिसे अपनी सुरक्षा के लिए वे भयप्रद मानते थे। यही नहीं, जिसकी सत्यता और प्रामाणिकता को आधुनिक यात्रियों में प्रथम साहसिक बहार्ड (Burck hardt) ने भी पक्षपातरहित सिद्ध किया १ (Plutarch) प्लूटार्क, (४६-१२० ई०) प्रसिद्ध नीक विद्वान् । इसने दूर देशों की यात्रा की थी। विविध विषयों पर इसके लिखे ६० लेखों का संग्रह मोरलिया (Moralia) नामक पुस्तक में संकलित है। E. B. Tylor ने 'Early History of Mankind London, 1817 में प्लूटार्क लिखित सूर्य-कुमारियों का वर्णन किया है जो अग्नि की रक्षिकाएं मानी गई हैं। (Moralia) के तीन संस्करण प्रसिद्ध हो चुके हैं (1) D. Wyttenbach-8 Vols., Oxford, 1795-1830; (2) by F. Dubner in the Didot Series, Paris, 1839-42; (3) by G. N. Bernardakis-7 Vols. in the Teubner Series, Leipzig, I888-96. इसी लेखक की एक और सुप्रसिद्ध पुस्तक है 'Parallel Lives' जिसमें ग्रीस और रोम के महान व्यक्तियों के जीवन चरित्रों का तुलनात्मक चित्रण किया गया है। Encyclopaedia of Religion & Ethics; Hastings, Vol. X; pp. 70-73. २ Magellan---पोर्चुगीज नाविक, जिसका नाम Ferna de Magalhacs था । अंग्रेजी में उसको Ferdinand Magellan कहने लगे । उस का जन्म १४७० ई० के लगभग हुआ था और १५०४ ई० में वह भारत आया था । फिर, मोरक्को में जहाजी सेवा करता रहा । १५१७ ई० में स्पेन के बादशाह के यहां जलमार्ग से संसार का भ्रमण करने के लिए नियुक्त हुआ । १५२० ई० में उसने अतलान्त और प्रशान्त महासागरों की संयोजक भू-पट्टी (Strait) का अन्वेषण किया जो उसी के नाम से प्रसिद्ध है। प्रशान्त महासागर में प्रवेश करने वाला वह प्रथम यूरोपियन था और इस महासागर को यह नाम भी उसीका दिया हुआ है । यह नाविक फिलीपाइन द्वीप समूह के सीबू (Cebu) नामक द्वीप में मारा गया था ।-N.S.E., p. 838-39 3 Goguet (गॉग्युएट) Vol. i, p. 73 * John Lewis Burckhardt ने सुप्रसिद्ध नील नदी का अनुसंधान किया और लालसमुद्र को पार किया था। यह स्विट्ज़रलैण्ड का निवासी था। इसकी Travels in Arabia, Nubia, Egypt etc'. नामक पुस्तक "Association for Promoting the Discovery of the Interior of Africa" नामक संस्था से १८२६ ई० में लन्दन से प्रकाशित हुई है।-Catalogue of the British Museum, p. 383. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003433
Book TitlePaschimi Bharat ki Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJames Taud, Gopalnarayan Bahura
PublisherRajasthan Puratan Granthmala
Publication Year1996
Total Pages712
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy