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________________ हाँ, तो राजा कोणिक ने भगवान् महावीर से अपने भावी जन्म के सम्बन्ध में प्रश्न किया और भगवान् ने कह दिया कि वह महावीर से स्वर्ग इस प्रश्न का उत्तर तो तुम्हारी अन्तरात्मा भी खरीदना चाहता था, दे सकती है। उसी से पूछ लो । किन्तु जब पर स्वर्ग न कौड़ियों कोणिक ने विशेष आग्रह किया तो भगवान् ने । से खरीदा जा सकता है और न धर्म का कहा- राजन्, तुम इस शरीर को त्याग कर दिखावा करने से ही छठी नरक में जाओगे। खरीदा जा सकता कोणिक ने यह उत्तर सुना तो जैसे है। उस पर वज्र गिर पड़ा ! उसकी सारी मिल्कियत लुट गई ! उसको आशा थी कि भगवान् किसी ऊँचे स्वर्ग का नाम बतलाएंगे ! उसने जिस प्रभु से यह आशा की थी, वे सम्राट का लिहाज करने वाले नहीं थे ! वह महावीर से स्वर्ग खरीदना चाहता था, पर स्वर्ग न कौड़ियों से खरीदा जा सकता है और न धर्म का दिखावा करने से ही खरीदा जा सकता है । कोणिक हैरान था ! वह कहने लगा- भगवन् ! मैं आपका इतना बड़ा भक्त हूँ; फिर भी मैं मर कर नरक में जाऊँगा ? ___ मगर वह यह नहीं देखता कि भक्त कब से बना ? जिसने अपने पिता को कैद किया, अपने नाना को भी नहीं छोड़ा । जिसकी आग में नाना और उसका सारा का सारा परिवार जल कर भस्म हो गया, जिसने अपने सहोदर भाइयों के साथ अन्याय और अत्याचार किये, उसके जीवन में दूसरों के सम्बन्ध में क्या भावना होगी ? जिसने अपने परिवार की ऐसी दुर्दशा की हो, वह भगवान् के पास आकर भी क्या पाएगा ? जिसने 58
SR No.003430
Book TitleAnand
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSugal and Damani Chennai
Publication Year2007
Total Pages346
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size8 MB
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