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________________ लाने के लिए कुछ और विशेष करने की धरती पर के अनेक | अपेक्षा नहीं है । अपेक्षा है- केवल सामूहिक राष्ट्र केवल अपने रूप में नैतिक आक्रमण की, अहसयोग की । स्वार्थ की भाषा में | पाकिस्तान को विश्व के राष्ट्रों से जो सहयोग मिल रहा है, शस्त्रास्त्र और आर्थिक रूप में, मानवता की भाषा | यदि वह बन्द कर दिया जाए, तो पाकिस्तान में नहीं। तत्काल घुटने टेक सकता है। किन्तु खेद है यह कुछ हो नहीं रहा है । धरती पर के अनेक राष्ट्र केवल अपने स्वार्थ की भाषा में ही सोचते हैं, मानवता की भाषा में नहीं । विश्व के मानवतावादी बड़े-बड़े राष्ट्र यह सब अत्याचार मूंदी आँखों से देख रहे हैं । बहरे कानों से उक्त काले कारनामों की कथा सुन रहे हैं। रोज समाचार पत्र के पृष्ठ के पृष्ठ रंगे होते हैं कि बांग्लादेश में जघन्य हत्याकाण्ड हो रहे हैं । मानवता को लजा देने वाले अत्याचार हो रहे हैं । फलस्वरूप अपनी जान और इज्जत बचाकर भारत में लाखों पुरुष-स्त्री, बच्चे-बूढ़े शरण के लिए आ रहे हैं, अब भी आ रहे हैं । किन्तु बड़े राष्ट्र हैं कि देखकर भी अनदेखा कर रहे हैं । सुनकर भी अनसुना कर रहे हैं । ऐसा भी नहीं कि चुप होकर निरपेक्ष बैठे हैं अपितु विपरीत दिशा में चल रहे हैं । अमेरिका जैसा महान् राष्ट्र एक ओर भारत में आये पीड़ित बंगाली प्रवासियों के लिए लाखों डॉलर की सहायता दे रहा है और दूसरी तरफ यह खबर भी है कि अमेरिका, पाकिस्तान को शस्त्रास्त्रों से लदे जहाज भेज रहा है। भयानक हत्यारों की मदद दे रहा है । ताज्जुब है कि एक ही देश एक तरफ घातक हत्यार देकर नरसंहार को बढ़ावा देता है और दूसरी तरफ वही देश जान बचाकर भारत में भाग कर आये शरणार्थियों की रक्षा के लिए धन प्रदान कर सहायता का हाथ बढ़ाता है। यह कैसी 232
SR No.003430
Book TitleAnand
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSugal and Damani Chennai
Publication Year2007
Total Pages346
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size8 MB
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