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________________ रहा हैं, तो किसी को जिन्दा जलाया जा रहा 06 है । घायलों की मर्माहत चीत्कारें दिल को इन्सान-इन्सान नहीं दहला देती है । हजारों घर लूटे जा रहे हैं, रहा है, शैतान हो जलाए जा रहे हैं। मौत नंगी होकर नाच रही गया है, शैतान से है । कुमारी-कन्याओं एवं सती-सुहागिनों के भी बदतर। साथ खुलेआम बलात्कार किये जाते हैं, जिसे | 6 देखकर शर्म की आँखें भी शर्म से नीचे झुक जाती है। और फिर उन्हें गोलियों से भून दिया जाता है। कुछ सुन्दरियों को बन्दी बनाकर बेच भी दिया जाता है । इन्सान-इन्सान नहीं रहा है, शैतान हो गया है, शैतान से भी बदतर ! संस्कृति तथा अहिंसा : आज के उक्त अमानवीय पैशाचिक कुकृत्यों को देखने के लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है। भारत के ही निकट पड़ोसी बांग्लादेश में, पाकिस्तान के क्रूर एवं हृदयहीन शासकों के हुकम पर नित्य-प्रति हो रहे कुकृत्यों को देखा जा सकता है । सैनिक पागल हो गए हैं । लगता है उनमें मानवता का कुछ भी अंश नहीं बचा है और यह सब हो रहा है, देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा के नाम पर । मानव-जाति पर अत्याचार भूतकाल में भी हुए हैं। इन्सान ने सुन्दर एवं मोहक आदर्शों के नाम पर कुछ कम कष्ट नहीं भोगे हैं। किन्तु पाकिस्तान बांग्लादेश में जो कुछ कर रहा है, उसका उदाहरण इतिहास में खोजे नहीं मिल रहा है । आवश्यक है, आज का प्रबुद्ध जन समाज इन लोमहर्षक अत्याचारों की मुक्त भाव से भर्त्सना करें । प्रतिरोध के लिए एकजुट हो जाये । पाकिस्तान की अक्ल ठिकाने 231
SR No.003430
Book TitleAnand
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSugal and Damani Chennai
Publication Year2007
Total Pages346
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size8 MB
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