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इन्द्रभूति गौतम
क्या सत्य है ? वे इस प्रकार का यथार्थ उत्तर देने में समर्थ हैं ? क्या वे विशेष ज्ञानी हैं ?”
भगवान ने कहा- "गौतम ! उन स्थविर श्रमणों ने यथार्थ बात कही है। उन्होंने अपनी बड़ाई के लिये नहीं, किन्तु सत्य तथ्य की दृष्टि से यह बात कही है, मैं भी यही बात कहता हूँ।"
गौतम ने पूछा- "भन्ते ! तथा प्रकार के श्नमण ब्राह्मणों की पर्युपासनासेवा करने से मनुष्य को क्या फल मिलता है ?" .
भगवान–सेवा से सद्शास्त्र का श्रवण मिलता है। गौतम-शास्त्र श्रवण का क्या फल है ? भगवान-ज्ञान ! (ज्ञय उपदेश का बोध) गौतम-ज्ञान का फल ? भगवान-विज्ञान ! (आत्म बोध) गौतम-विज्ञान का फल ? भगवान-प्रत्याख्यान । (पाप-परिहार) गौतम-प्रत्याख्यान का फल ? भगवान-प्रत्याख्यान का फल है संयम । गौतम-संयम का फल ? भगवान-आश्रव निरोध । (अनाश्रव) गौतम-अनाश्रव का फल ? भगवान-तप । गौतम-तप का फल ? भगवान-कर्म मल की शुद्धि । गौतम---शुद्धि का फल ? भगवान-सर्व क्रियाओं से मुक्ति। (निष्क्रियता) गौतम-निष्क्रियता का फल ?
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