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धम्मो अधम्मो आगासं कालो पुग्गल - जंतवो। एस लोगोति पन्नतो जिणेहिं वरदंसिहिं ॥
जीवा । जीवा य बन्धो य पुण्णं पावासवो तहा। संवरो निज्जरा मोक्खो सन्ते र तहिया नव ॥
जैन दर्शन
के मूल तत्व
विजय मुनि शास्त्री
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