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________________ सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य : 1: चन्द्रगुप्त मौर्य का नाम इतिहास में तुमने पढ़ा होगा। वह भारत का प्रथम सार्वभौम सम्राट कहलाता है। यद्यपि उससे पहले कितने ही चक्रवर्ती राजा हो चुके हैं, किन्तु भगवान् महावीर के पश्चात् उसने ही सर्व प्रथम सारे भारत को जीतकर उसे एक सूत्र में बाँधा था। वह छोटे-से मोरिय-गणतन्त्र की एक शाखा का राजकुमार था। किन्तु अपने गुरु चाणक्य की सहायता से और अपनी वीरता से तत्कालीन अत्याचारी राजाओं को जीतकर समग्र भारत का सम्राट बन गया। अगर सच्ची इच्छा हो और सही प्रयत्न किया जाये, तो कौन-सा काम पूरा नहीं हो सकता ? चन्द्रगुप्त अपने नाना के यहाँ रहता था। उसके नाना 'मोरिय' नामक गणतन्त्र के अध्यक्ष थे। वे राजा कहलाते थे। कुमार चन्द्रगुप्त वहीं खेले-कूदे और बड़े हुए। जब वे अभी बच्चे ही थे, तभी से उनमें दूसरे बालको से कुछ विशेषताएँ थीं। वे हमेशा राजा का खेल खेलते। स्वयं तो राजा बनते और अपने साथियों में से ही किसी को मन्त्री, किसी को सेनापति और किसी को और कुछ बनाते। इसलिए तो कहा है "होनहार बिरवान के, होत चीकने पात।' 33 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003424
Book TitleJain Bal Shiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year2002
Total Pages70
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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