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घमण्डी साधु यह शिक्षा कैसे ग्रहण करता ? वह बहुत बिगड़ा और झट से उठकर कुल्हाड़ी से जलता हुआ लक्कड़ फाड़ने लगा। सचमुच, उसमें से बिल-बिलाता हुआ अधजला साँप का जोड़ा बाहर निकला। साधु की प्रतिष्ठा भंग हो गई। खिसियाना होकर भाग गया। दयालु राजकुमार ने साँप के जोड़े को उपदेश किया। नवकार मन्त्र सुनाया। जिसके प्रभाव से वे मर कर धरणेन्द्र और पद्मावती नामक नाग कुमार जाति के देव और देवी हो गए। ___ एक बार काशी-नरेश के मित्र राजा प्रसेनजित् पर किसी विदेशी राजा ने चढ़ाई की। वह राजा प्रसेनजित् की सर्वश्रेष्ठ सुन्दरी राजकुमारी प्रभावती से विवाह करना चाहता था। राजकुमारी इसके लिए तैयार न थी। बड़ा भयंकर युद्ध हुआ। शत्रु की सेना अधिक थी। फलत: राजा प्रसेनजित् घबरा उठे। ज्योंही यह समाचार काशी पहुँचा, तो राजकुमार पार्श्व सेना लेकर पहुँचे, शत्रु राजा परास्त हो गया। प्रभावती का विवाह पार्श्व कुमार से हुआ।
राजकुमार पार्श्व का मन संसार से उदासीन रहने लगा। देश की धार्मिक आचार-विचार की दुरवस्था भी उनको असह्य हो गई थी। फलतः अपनी अपार सम्पत्ति गरीब जनता को अर्पण कर वे मुनि बन गये।
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