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नारी का मन : २३
थे । कृष्ण को नारद से ज्ञात हो गया। पाण्डवों को लेकर कृष्ण देव की सहायता से अपरकंका में जा पहुँचा। युद्ध किया। द्रोपदी को लेकर लौट रहा था कि कपिल वासुदेव ने सुव्रत अरिहन्त के कथनानुसार कृष्ण के रथ की ध्वजा को देखा। दोनों ने शंख बजाया । कृष्ण लवण सागर के देव से मिलने ठहर गया और द्रोपदो सहित पाण्डव नौका से गंगा पार करके नौका छपा कर बैठ गए। कृष्ण अपने बल से गंगा पार करके आ गया। पाण्डवों के इस व्यवहार से कृष्ण नाराज हो गए। पाण्डवों को देश निष्काषित कर दिया। बाद में कुन्ती की प्रार्थना पर पाण्डवों को मथुरा दे दी।
___ अन्त में प्रव्रजा लेकर पांचों पाण्डव अपनी साधना से सिद्ध, बुद्ध और मुक्त हो गए। द्रोपदी भी आर्या बनी, शुद्ध साधना करी । देव बनी वहाँ से महाविदेह में मुक्त हो गई।
-ज्ञाता अ० १६/.
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