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________________ २१ १. जीव राशि बोल इक्कीसवा राशि दो २. अजीव राशि व्याख्या राशि का अर्थ है - समूह । प्रस्तुत बोल में संसार की समस्त वस्तु चेतन और अचेतन, दो समूहों में विभक्त हैं-जीव राशि और अजीव राशि । संसार में कोई वस्तु ऐसी शेष नहीं रह जाती, जो इन दो राशि में न आ सके । संसारी से लेकर सिद्ध तक और सिद्ध से लेकर संसारी जीव तक, समस्त चेतनामय शक्तियों का समावेश हो जाता है जीव राशि में । धर्म, अधर्म, आदि समस्त जड़ तत्त्वों का समावेश हो जाता है— अजीव राशि में । Jain Education International जीव राशि – जो चेतना शक्ति से युक्त हो, वह जीव है । जीवों की राशि को, जीवों के समुदाय को जीव राशि कहते हैं । जीव के दो भेद हैं—बद्ध और मुक्त । जीव राशि में दोनों प्रकार के जीवों का समावेश हो जाता है । अजीव राशि- चेतना से रहित जितने भी तत्त्व हैं, उनके समुदाय को अजीव राशि कहते हैं । धर्म, अधर्म, आकाश, काल और पुद्गल—ये सब अजीव राशि में आ जाते हैं । 我 ( ८१ ) For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003421
Book TitlePacchis Bol
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaymuni Shastri
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1996
Total Pages102
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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