SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 13
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ है, कि मन भी इन्द्रिय है । फिर पाँच ही क्यों ? मन इन्द्रिय अवश्य है, पर वह अन्तरंग है । यहाँ पर जीवों के जो पाँच भेद किये गये हैं, वे बहिरंग इन्द्रियों के आधार पर ही किये हैं । नाम कर्म की उत्तर प्रकृतियों में, जाति नाम कर्म भी एक प्रकृति है । उसके उदय से ही जीवों को एकेन्द्रिय जाति में जन्म ग्रहण करना पड़ता है ।। ___ एकेन्द्रिय जीव—पृथ्वी, पानी, अग्नि, वायु और वनस्पति । द्वीन्द्रिय जीव-लट, सीप, शंख, कृमि, धुण आदि । त्रीन्द्रिय जीव-चींटी, चींचड़, -लीख, मकोड़ा आदि । चतुरिन्द्रिय जीव-मक्खी, मच्छर, भंवरा, बिच्छू आदि । पंचेन्द्रिय जीव-नारक, पशु, मनुष्य, देव आदि । - - - - - - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003421
Book TitlePacchis Bol
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaymuni Shastri
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1996
Total Pages102
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy