________________
अभिनन्दन
बाबू कस्तूरी लाल जी जैन, जैन समाज आगरा के मुख्य कार्यकर्ताओं में से एक अद्वितीय व्यक्ति थे। धर्म के एवं समाज के प्रत्येक कार्य में अग्रणी रहते थे। स्वभाव से सदा हंस-मुख, प्रकृति से भावुक और कृति से दान-वीर थे । साधु-सन्तों के परम भक्त थे। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती शान्ति देवी जी भी धर्म-प्रिय महिला थीं। तपस्या करने और कराने में आपकी विशेष अभिरुचि थी। अपने जीवन काल में उन्होंने पच्चीस से अधिक अठाई तप किये थे। तप की साधना में सदा प्रसन्न एवं शान्त रहती थीं।
दान-वीर पिता के और तपोवीर माता के मूल संस्कार उनके पुत्र और पुत्रियों में भी साकार हुए हैं-समस्त परिवार आपका धर्म प्रिय तथा सुन्दर संस्कार वाला है। तप, जप और धर्म क्रियाओं में अभिरुचि रखता है। श्री कृष्ण कुमार जी, श्री नरेन्द्र कुमार जी और श्री रवीन्द्र कुमार जी ने अपने माता-पिता की पुण्य-स्मृति में पूज्य गुरुदेव, राष्ट्र सन्त, श्री उपाध्याय अमर चन्द्र जी महाराज की प्रवचन पुस्तक अपरिग्रह दर्शन के प्रकाशन कराने में उदार भाव से पूरा अर्थ सहयोग प्रदान किया है । व्यापार में संलग्न होने पर भी तीनों भाइयों में धार्मिक साहित्य पढ़ने की विशेष अभिरुचि प्रशंसनीय है । अतः सन्मति ज्ञान-पीठ की ओर से आप तोनों का सहर्ष अभिनन्दन किया जाता है ।
-विजय मुनि शास्त्री १-६-१९९४ बुधवार
जैन भवन, मोती कटरा, आगरा
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org